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मुनाफा कमाने वाली फैक्ट्री का आदित्य बिड़ला जैसे ग्रुप में किया जाए विनिवेश

पीएसीएल के विनिवेश के पंजाब सरकार के फैसले को लेकर पीएसीएल कर्मचारी संघ नंगल इकाई सकते में है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Sep 2019 10:28 PM (IST)Updated: Fri, 20 Sep 2019 10:28 PM (IST)
मुनाफा कमाने वाली फैक्ट्री का आदित्य बिड़ला जैसे ग्रुप में किया जाए विनिवेश
मुनाफा कमाने वाली फैक्ट्री का आदित्य बिड़ला जैसे ग्रुप में किया जाए विनिवेश

जागरण संवाददाता, नंगल

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नंगल स्थित पंजाब सरकार की औद्योगिक इकाई पंजाब एलक्लीज एंड केमिकल्स लिमिटेड के विनिवेश के पंजाब सरकार के फैसले को लेकर पीएसीएल कर्मचारी संघ नंगल इकाई सकते में है। पीएसीएल कर्मचारी संघ नंगल इकाई के प्रधान संजय कुमार, कार्यकारी अध्यक्ष शक्तिसरन सिंह, सचिव नितिन शर्मा व उपसचिव मोहित शर्मा ने इस पर चिंता जताई है। सभी ने कहा कि 100 करोड़ बिजली के बिल की पंजाब सरकार द्वारा अदायगी के बारे में अखबार में छपे स्पीकर साहब के बयान, बिना किसी लोन के लगभग 150 करोड़ की एक्सपेंशन को जोड़कर 250 करोड़ के निवेश तथा गत वर्ष 55 करोड़ के शुद्ध मुनाफे के बाद इकाई को बेचकर सिर्फ 50 करोड़ कमाने का सरकार का फैसला न सिर्फ तर्कहीन है, बल्कि पक्षपाती भी लगता है। यूनियन तथा कर्मचारियों को इकाई के पक्षपात रहित विनिवेश न होने की आशका है। इतना पैसा लगाकर क्या सरकार अपने किसी चहेते को लाभ पहुंचाने के लिए यह फैक्ट्री उसे कौड़ियों के दाम बेचना चाहती है। 55 करोड़ मुनाफा कमाने वाली इस इकाई के प्रबंधकों द्वारा इस महीने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पर्याप्त फंड न होने की बात कहना भी गले नहीं उतर रहा है। संजय कुमार ने कहा कि कर्मचारियों के लिए यह एक ऐसी पीड़ादायक स्थिति है, जिसके मद्देनजर इकाई के विनिवेश होने में यूनियन को कोई बुराई नजर नहीं आती, बशर्ते विनिवेश, कास्टिक-क्लोरीन इंडस्ट्री के अनुभवी अदारे आदित्य बिडला ग्रुप को किया जाए। ऐसा करना कर्मचारियों तथा ट्रक यूनियन सहित इलाके के हक में भी होगा। एक्सपेंशन के बाद 500 टन के बड़े कास्टिक-क्लोरीन प्लाट चलाने में बिल्कुल अनुभवहीन फ्लोटेक का मालिक पहले से इकाई के शेयर का बड़ा हिस्सा खरीद चुका है तथा इस बार भी इकाई को खरीदने की दौड़ में शामिल हो सकता है। लीपापोती की गई है पीएसीएल में हुए धमाके की पीएसीएल नंगल में 15 मई 2018 को एक धमाका हुआ था जिसमें एक कर्मचारी की जान भी गई थी। यह धमाका फैक्ट्री में रखे फ्लो-टेक के एक टैंक में हुआ था, लेकिन प्रबंधन द्वारा फ्लो-टेक के मालिक को बचाने के लिए इस पूरी घटना की लीपापोती करके इसे पीएसीएल के मत्थे मढ़ दिया गया। अगर फ्लो-टेक किसी भी तरह इस फैक्ट्री को खरीदने की दौड़ में शामिल होता है, तब यूनियन, फ्लो-टेक के खि़लाफ माननीय हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाकर विनिवेश रुकवाएगी।

संजय कुमार ने कहा कि यूनियन को शक है कि पीएसीएल के ऊंचे दर्जे के प्रबंधक जिन्हें विनिवेश के चलते अपनी नौकरी जाने का डर है, हर बार की तरह इस बार भी एक ऐसी उलझाऊ कागज़ी पृष्ठभूमी तैयार करने में जुटे हैं, जिसको देख कोई भी बड़ा संस्थान पीएसीएल को लेने से मना कर दे तथा इस इकाई को खरीदने के लिए सिर्फ फ्लो-टेक ही राजी हो। लेबर एक्ट तथा स्टैंडिंग ऑर्डर एक्ट को दरकिनार करते हुए लगभग 10,000 मासिक वेतन पर गैरकानूनी ढंग से सात साल का कांट्रैक्ट देकर जिन नए तथा डेथ केस में कर्मचारियों की भर्ती की गई है, उन्हें विनिवेश के पहले रेगुलर भी किया जाना चाहिए। -----निजीकरण से किसी को भी नहीं होने देंगे कोई नुकसान---

फोटो 20 एनजीएल 21 में है।

वहीं पंजाब विधानसभा के स्पीकर राणा केपी सिंह ने कहा कि पीएसीएल के हर कर्मचारी की रक्षा करने के साथ-साथ हर मांग पूरी करवाई जाएगी। नंगल की धरती पर दोबारा किसी भी फैक्ट्र को पीएनएफसी नहीं बनने दिया जाएगा। निजीकरण होने से ट्रांसपोर्टर व कर्मचारी वर्ग को कोई फर्क नहीं पड़ने दिया जाएगा। पंजाब सरकार कर्मचारी वर्ग के हितों के प्रति पूरी तरह से गंभीर है। ऐसे में यह प्रश्न ही नहीं उठता कि निजीकरण होने के बाद किसी भी तरह का किसी कर्मचारी को कोई नुकसान उठाना पड़े।


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