सरकारी स्कूलों की ओर से बढ़ा रुझान, तीन में माह में 514 आवेदन
कोरोना संकट हर तबके के लिए भारी पड़ रहा है। हर कोई परेशान है और अपनी समस्या का हल ढूंढ रहा है।
अजय अग्निहोत्री, रूपनगर : कोरोना संकट हर तबके के लिए भारी पड़ रहा है। हर कोई परेशान है और अपनी समस्या का हल ढूंढ रहा है। वहीं में पंजाब के शिक्षा विभाग के लिए ये कोरोना संकट स्कूल में विद्यार्थी की तादाद बढ़ाने में काफी हद तक मदद कर रहा है। बेशक शिक्षा विभाग के अधिकारी सरकारी स्कूलों की तरफ प्राइवेट खासकर सीबीएसई बोर्ड वाले स्कूलों के विद्यार्थियों के झुकाव के लिए सरकारी स्कूलों में ढांचागत और ई कंटेंट और उच्च शिक्षित स्टाफ होने को वजह मान रहे हैं पर कोरोना संकट के दौरान आर्थिक तंगी से परेशान परिवारों के पास संसाधन कम हो गए हैं। इसीलिए जिला रूपनगर में प्राइवेट स्कूल छोड़कर सरकारी स्कूलों में आने वाले विद्यार्थियों का ग्राफ एकदम उछाल पर है।
जिले में 514 विद्यार्थी ऐसे हैं जिन्होंने सरकारी स्कूलों में दाखिले के लिए ऑनलाइन फार्म भर दिए हैं। फिलहाल, शिक्षा विभाग और विद्यार्थियों के अभिभावक इनके नतीजों का इंतजार कर रहे हैं। उसके बाद ही दाखिले की प्रक्रिया आरंभ हो पाएगी।
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जिले के प्रमुख स्कूल जिनमें 20 से ज्यादा विद्यार्थियों ने दाखिले के लिए फार्म भरे हैं।
सरकारी स्कूल आवेदन
सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल (लड़कियां) रूपनगर 116
सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल नंगल (लड़के) 41
सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल भरतगढ़ 31
सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल काहनपुर खुही 30
सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल सुखसाल 25
सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल झल्लियां कलां 22
सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल नंगल (लड़कियां) 20
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अहम बात ये है कि जिन प्राइवेट स्कूलों के विद्यार्थियों ने सरकारी स्कूलों में दाखिले के लिए फार्म भरे हैं। उनमें कई नामचीन स्कूल शामिल हैं। इनमें सीबीएसई बोर्ड के भी कई स्कूल शामिल हैं। कोरोना संकट में लोगों की आर्थिक स्थिति डांवाडोल होने के बाद एकदम बड़े स्तर पर अभिभावकों का सरकारी स्कूलों की तरफ रुख करना कई सवाल खड़े कर रहा है।
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50 से ज्यादा सरकारी स्कूलों में दाखिले के लिए हैं आवेदन: डीईओ खोसला
रूपनगर जिला शिक्षा अधिकारी राज कुमार खोसला ने कहा कि 514 विद्यार्थियों ने सरकारी स्कूलों में दाखिले के लिए आवेदन किया है। 50 से ज्यादा ऐसे सरकारी स्कूल हैं जिनमें दाखिले के लिए आवेदन आए हैं। स्कूलों को स्मार्ट बनाने और ढांचागत विकास इसका प्रमुख कारण है। लॉकडाउन में लोगों की आर्थिक स्थिति बिगड़ना भी एक कारण हो सकता है।