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ये नहीं मानते भइया, दोपहिया को कर दिया तीन पहिया

जिले में माडिफाई कर दो पहिया वाहनों को तीन पहिया बनाए जाने सहित बुलेट मोटरसाइकिल से पटाखे मारने वाले लोगों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 05:15 AM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 05:15 AM (IST)
ये नहीं मानते भइया, दोपहिया को कर दिया तीन पहिया
ये नहीं मानते भइया, दोपहिया को कर दिया तीन पहिया

अरुण कुमार पुरी, रूपनगर: जिले में माडिफाई कर दो पहिया वाहनों को तीन पहिया बनाए जाने सहित बुलेट मोटरसाइकिल से पटाखे मारने वाले लोगों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। ट्रैफिक पुलिस की ढीली कार्रवाई के चलते जिले में ऐसे वाहनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। रूपनगर से मोरिडा तक व रूपनगर से नंगल तक सड़कों पर सैकड़ों माडिफाई किए ऐसे वाहन सरपट दौड़ रहे हैं। इसके अलावा लोग एक दूसरे को देखते हुए कौड़ियों के भाव मोटरसाइकिल या स्कूटर खरीद लेते है, और इन्हें दो पहियों वाली रेहड़ी का जुगाड़ बनाकर उसे व्यवसाय के लिए प्रयोग करते हैं। हैरानी तो इस बात की है कि इस प्रकार माडिफाई किए वाहन के ज्यादातर मालिकों के पास न तो वाहन की कोई रजिस्ट्रेशन होती है तथा न ही इन्हें चलाने का लाइसेंस। हालांकि सिटी ट्रैफिक पुलिस ने इस माह में अभी तक माडिफाइ किए पांच वाहनों व बाइक से पटाखे चलाने वालों के आठ चालान तो किए हैं, पर इसके बाद भी इन पर पूरी तरह से लगाम नहीं लगाई जा सकी है। इसके अलावा दिसंबर के दौरान भी ऐसे 35 वाहनों के चालान काटे गए थे। जिले में दो पहिया वाहनों के साइलेंसर छोटे बड़े करवाकर विभिन्न प्रकार की आवाजें निकालने वाले वाहनों के साथ बुलेट मोटर साइकिलों के माध्यम से पटाखे बजाने वाले ऐसे वाहनों की संख्या में भी पिछले कुछ वर्षों से बड़ा इजाफा हुआ है। ऐसे वाहन चालक भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में तथा कालोनियों व मोहल्लों में ज्यादा घूमते हैं तथा ध्वनि प्रदूषण फैलाते हुए आम लोगों की परेशानी का सबब बन रहे हैं। बुलेट मोटर साइकिल से पटाखे जैसे विस्फोट करने वाले वाहन चालक कमजोर दिल वालों के लिए, बुजुर्गों व महिलाओं के लिए भी परेशानी का सबब बने हुए हैं। जिले में ज्यादातर बड़े घरों के बच्चे एक- दूसरे को देखते हुए पहले पुरानी जीप खरीद कर लाते हैं, जिसे बाद में सबसे अलग दिखने के लिए अपने हिसाब से माडिफाइ करवाते हुए उसमें बड़े- बड़े टायर, ऊंची आवाज वाले हार्न तथा साउंड सिस्टम लगवाते हैं। इसके बाद उनकी आवारागर्दी ज्यादातर मोहल्लों, कालोनियों व स्कूल-कालेजों के आसपास शुरू हो जाती है। ऐसे में वह हादसों व झगड़ों को भी न्योता देते हैं

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यह हैं नियम वाहन चाहे छोटा हो या बड़ा, उसके लिए हर जगह एक ही नियम है कि उसकी असली बनावट जोकि सरकार द्वारा मंजूर होती है, में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया जा सकता है। वाहन की बनावट में माडिफाइ करते हुए बदलाव करना यातायात नियमों के अनुसार अपराध की श्रेणी में आता है।

दोपहिया हो या चारपहिया वाले वाहनों की असली बनावट में बदलाव नहीं किया जा सकता। जिले में इस मुद्दे को पहले हल्के में लिया जाता रहा है, लेकिन अब इसे गंभीरता से लेते हुए लगातार चालान किए जा रहे हैं। अभी तक इस माह माडिफाइ किए पांच वाहनों के व पटाखे जैसा विस्फोट करने वाले आठ मोटरसाइकिलों के चालान किए जा चुके हैं । पहले जुर्माना सैकड़ों में होता था, लेकिन अब चालान के बाद जुर्माना कम से कम पांच हजार रुपये किया जाने लगा है। सीता राम , एएसआइ, सिटी ट्रैफिक इंचार्ज।


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