साल में सात माह बंद रहती हैं ट्रैफिक लाइटें
जिले में पुलिस प्रशासन के रिकार्ड में जिले में 11 ब्लैक स्पाट हैं लेकिन इसके अलावा दर्जनों ब्लैक स्पाट वह भी हैं जिन्हें सिस्टम की कमी ने ब्लैक स्पाट बना दिया है।
अजय अग्निहोत्री, रूपनगर: जिले में पुलिस प्रशासन के रिकार्ड में जिले में 11 ब्लैक स्पाट हैं, लेकिन इसके अलावा दर्जनों ब्लैक स्पाट वह भी हैं, जिन्हें सिस्टम की कमी ने ब्लैक स्पाट बना दिया है। रूपनगर बाईपास पर दो चौक ऐसे हैं, जिन्हें ब्लैक स्पाट की सूची में शामिल करना जरूरी है। बाईपास पर मोरिडा और चमकौर साहिब चौक ऐसे हैं, जहां बाईपास क्रास करके रूपनगर से मोरिडा और रूपनगर से लुधियाना वाया चमकौर साहिब लोगों का आवागमन बहुत रहता है। हिमाचल के अधिकतर वाहन चालक भी यहीं से निकलते हैं। हालात ये हैं कि साल में से सात माह से ज्यादा समय इन चौकों में ट्रैफिक लाइटें बंद ही रहती हैं। पीडब्ल्यूडी विभाग से पूछा जाए तो कोई न कोई बहाना तैयार होता है। चाहे बहाना जायज भी हो लेकिन इस तरह चौक की ट्रैफिक लाइटें बंद रखना जनता के साथ नाजायज है। रूपनगर-चमकौर साहिब-दोराहा मार्ग रूपनगर की सरहिद नहर के साथ से शुरू होता है और इसी मार्ग पर एक साहिबाजादा अजीत सिंह अकादमी से पहले एक तिकोना रास्ता है। यह इतना खतरनाक है कि कभी भी बड़ी अनहोनी का कारण बन सकता है। अकादमी की तरफ से आने वाले रास्तों पर राहगीर को ये अंदाजा नहीं होता कि कहीं दूसरे रास्ते से कोई सड़क पर तो नहीं आ जाएगा। यहां ट्रैफिक लाइट या सिग्नल की आवश्यकता है। वहीं सुखरामपुर टप्परियां के समीप निरंकारी भवन के सामने सर्विस रोड पर शहर का ट्रैफिक रहता है। इसी तरह रेलवे स्टेशन के समीप एनसीसी अकादमी के पास अंधा मोड़ है। यहां तेज रफ्तार वाहन चालक एक दूसरे से आगे निकलने (ओवरटेक) की होड़ में रहते हैं।
यहां पर ट्रैफिक लाइटें ही नहीं टी प्वाइंट मड़ौली बाईपास पर ट्रैफिक लाइटें नहीं हैं। नेशनल हाईवे होने से यहां से वाहन तेज रफ्तार से गुजरते हैं। इसके अलावा शुगर मिल रोड मोरिडा व रूपनगर-कुराली टोल टोल प्लाजा पर भी ट्रैफिक की बड़ी भीड़ रहती है। यहां पर हैं ब्लैक स्पाट . रतनगढ़ चौक
. रंगीलपुर टी प्वाइंट
. सुखरामपुर टप्परियां
. घनौली चौेक
. पातालपुरी चौक कीरतपुर साहिब।
. झज्ज चौक नूरपुरबेदी।
. दड़ौली टी प्वाइंट नंगल।
. श्री नयना देवी चौक टी प्वाइंट ।