एक साल बाद भी नहीं मिला मुआवजा
क वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी जिला प्रशासन इनको मुआवजा नहीं दिला पाया है।
संवाद सहयोगी, नूरपुरबेदी
पुलिस थाना नूरपुरबेदी के समक्ष गत वर्ष 23 मई को मजदूरों की झुग्गियां व दुकानों को आग लगने के कारण बड़ा नुकसान हुआ था, जिसको लेकर जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम द्वारा हुए नुकसान का सर्वेक्षण करवाया गया था। एक वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी जिला प्रशासन इनको मुआवजा नहीं दिला पाया है। पीड़ित दुकानदारों ने युनाइटेड ब्यूरो ऑफ ह्यूमन राइटस एंड क्राइम कंट्रोल के राष्ट्रीय सचिव डॉ.दविदर बजाड़ से मिलकर बनता मुआवजा देने की मांग की है। डॉ. दविदर बजाड़ ने बताया कि इस अग्निकांड के दौरान 100 से अधिक झोपड़ियां व दर्जनों दुकानें जल गई थी, जिसके बाद नायब तहसीलदार नूरपुरबेदी द्वारा पीड़ित दुकानदारों को मुआवजा देने के लिए दो बार जांच दी गई। इसके बावजूद पीड़ितों को अभी तक मुआवजा राशि नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से पीड़ित मजदूरों को 25-25 हजार रुपये की मुआवजा राशि देने की बात कही गई थी, लेकिन अभी तक कुछ नहीं मिला है। पीड़ित दुकानदारों को मुआवजा दिलवाने के लिए कई बार डीसी रूपनगर से भी भेंट कर चुके हैं, लेकिन उन्हें हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर टाल दिया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि अब आनंदपुर साहिब में हुए भीषण अग्निकांड के पीड़ितों को भी मुआवजा देने के लिए रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इसी कड़ी के अंतर्गत नूरपुरबेदी के अग्निकांड पीड़ित दुकानदारों को भी मुआवजा राशि दी जाए। उन्होंने इन दुकानदारों से किसी प्रकार का पक्षपात या भेदभाव न करने की अपील की है।
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