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पार्षदों को निगरानी के अधिकार देने से कौंसिल में रुकेगा भ्रष्टाचार

पार्षद शिवानी जसवाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कौंसिल के अधीन होने वाले कायरें में पारदर्शिता लाने की मांग की है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Mar 2020 10:43 PM (IST)Updated: Mon, 09 Mar 2020 06:13 AM (IST)
पार्षदों को निगरानी के अधिकार देने से कौंसिल में रुकेगा भ्रष्टाचार
पार्षदों को निगरानी के अधिकार देने से कौंसिल में रुकेगा भ्रष्टाचार

जागरण संवाददाता, नंगल

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नंगल नगर कौंसिल के 108 करोड़ के बजट के उचित प्रयोग के मद्देनजर पार्षद शिवानी जसवाल ने राज्य के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर माग की है कि कौंसिल के अधीन होने वाले विकास कायरें में पारदर्शिता तथा मापदंडों का पालन करवाने के लिए पार्षदों को अधिकार दिए जाएं। उन्होंने कहा कि वकास प्रोजेक्टों के टेंडर तो सरकार की हिदायतों के अनुसार अलॉट किए जाते हैं, लेकिन बाद में इन प्रोजेक्टों पर काम केवल कर्मचारियों व अधिकारियों की देखरेख में ही होता है। नगर पार्षदों के वाडरें में होने वाले करोड़ों रुपये के विकास कायरें की जाच तथा गुणवत्ता जैसे मापदंडों को बरकरार रखने के लिए पार्षदों के पास कोई अधिकार नहीं है। ऐसे में बड़े पैमाने पर कथित भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है। निजी हितों की पूर्ति करने के लिए कौंसिल अधिकारी व ठेकेदार शहर के लोगों से धोखा करते हैं। कथित भ्रष्टाचार व मिलीभगत से निजी हितों की आपूर्ति न हो, इसके लिए पार्षदों को ऐसे अधिकार दिए जाने चाहिए जिससे वह समय-समय पर होने वाले विकास कायरें पर नज़र रख सकें। पार्षदों को अधिकार देने से घटिया कायरें तथा मिलीभगत पर अंकुश लगाया जा सकता है। यदि सरकार यह फैसला लेती है तो भ्रष्टाचार काफी हद तक खत्म हो सकता है। उन्होंने मांगपत्र की प्रतियां राज्य के मुख्य सचिव तथा स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव सहित डायरेक्टर व अन्य उच्च अधिकारियों को भी भेजी हैं।


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