आइआइटी रोपड़ के स्थायी कैंपस का वर्चुअल उद्घाटन
केंद्रीय शिक्षा मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने वीरवार को आनलाइन कार्यक्रम के माध्यम से आइआइटी रोपड़ के नए परिसर का उद्घाटन किया।
जागरण संवाददाता, रूपनगर : केंद्रीय शिक्षा मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने वीरवार को आनलाइन कार्यक्रम के माध्यम से आइआइटी रोपड़ के नए परिसर का उद्घाटन किया। डा. निशंक ने कहा कि आइआइटी संस्थान अपने प्रयासों द्वारा देश को सुदृढ़ बनाने में अहम योगदान दे रहे हैं। सभी आइआइटी संस्थानों की सफलता के पीछे कई कारण हैं। इसमें सबसे अधिक महत्वपूर्ण वजह है अनुकूल व संतुलित शैक्षिक वातावरण और इन संस्थानों की यही प्रणाली भारत को ज्ञान शक्ति के रूप में उभारने में मदद करेगी। आइआइटी संस्थानों को और अधिक सशक्त करने के लिए स्वायत्तता से कार्य करना होगा।
केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे, उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे, आइआइटी रोपड़ के निदेशक प्रो. सरित कुमार दास, सभी डीन, सभी विभागों के प्रमुख, मुख्य वार्डन, रजिस्ट्रार व शिक्षक भी कार्यक्रम से जुड़े थे। डा. निशंक ने आइआइटी रोपड़ की वैश्विक एवं घरेलू रैंकिग में सुधार की प्रशंसा करते हुए संस्थान द्वारा कोरोना संकट के समय में किए कार्यो को भी सराहना की।
उन्होंने कहा कि यह संस्थान हमेशा से इस बात के लिए प्रयासरत रहा है कि यहां अनुसंधान आधारित सहभागिता निर्माण किया जाए और अनुसंधान एवं विकास के लिए परिसर में समग्र वातावरण निर्मित कर वर्तमान पीढ़ी के आकांक्षाओं को समझा जाए। कोरोन काल में डीआइवाइ मास्क के निर्माण से लेकर यूवीजीई प्रौद्योगिकी आधारित यूवी सेफ जो दुबई आइपीएल में खिलाडि़यों के कक्ष को स्टरलाइज करने में इस्तेमाल किया गया, वो बनाया। कोरोना से जंग में इस संस्थान ने योगदान दिया है। डा. निशंक ने कहा कि अगर हमें ज्ञान की सर्वोच्च शक्ति बनना है तो वैज्ञानिक व प्रौद्योगिकी ज्ञान को चरम पर ले जाकर देश के प्रत्येक क्षेत्र को शामिल करना होगा। डा. निशंक ने आइआइटी रोपड़ को नए परिसर के लिए बधाई देते हुए कहा कि सरकार व शिक्षा मंत्रालय हमेशा सभी संस्थानों को हर संभव सहायता उपलब्ध करवाएगा।
डायरेक्टर ने आइआइटी की स्थापना के बारे में बताया
आइआइटी डायरेक्टर प्रो.सरित कुमार दास ने बताया कि भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान रोपड़ की स्थापना 2008 में हुई थी और यह शानदार कैंपस सतलुज दरिया के किनारे पर स्थित है। कैंपस 500 एकड़ भूमि पर फैला हुआ है। संस्थान के स्थाई कैंपस के लिए जमीन 2008 में दी गई थी और निर्माण कार्य 15 जनवरी 2015 को शुरू हुए थे। संस्थान का कार्य 2017 में अत्याधुनिक इमारतें और प्रयोगशालाओं के साथ लैस स्थाई कैंपस में तब्दील कर दिया गया था।
युवा राष्ट्र के योद्धा, राष्ट्र के विकास में दे योगदान
केंद्रीय मंत्री निशंक ने जोर देकर कहा कि भारत प्राचीन समय से ही ज्ञान भरपूर राष्ट्र है और विश्व स्तर पर अमीर विरासत और संस्कृति के देश के तौर पर जाना जाता है। उन्होंने विद्यार्थियों को राष्ट्र के योद्धा बताते उनको राष्ट्र के विकास में योगदान डालने की अपील की।