2 दिनों से इंद्रदेव मेहरबान, औंधे मुंह गिरा तापमान, शहर सुनसान
रूपनगर में बारिश ने शनिवार की सुबह से लेकर रविवार दोपहर लगभग तीन बजे तक जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित करके रख दिया है। बारिश के कारण शहर की सड़कें , मोहल्लें व बाजार सुनसान पड़े हुए हैं। लोग घरों से चाह कर भी नहीं निकल पा रहे क्योंकि सड़कों व गलियों में जलभराव जैसी स्थिति बनी हुई है। हालांकि रविवार को लगभग डेढ़ घंटे के लिए बारिश थम गई थी। लेकिन दोपहर बाद दो बजे से बारिश फिर से जारी हो चुकी है तथा आसमान पर छाए घने बादल स्पष्ट इशारा कर रहे हैं कि मेघ अभी जमकर बरसेंगे।
संवाद सहयोगी, रूपनगर : रूपनगर में बारिश ने शनिवार की सुबह से लेकर रविवार दोपहर लगभग तीन बजे तक जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित करके रख दिया है। बारिश के कारण शहर की सड़कें , मोहल्लें व बाजार सुनसान पड़े हुए हैं। लोग घरों से चाह कर भी नहीं निकल पा रहे क्योंकि सड़कों व गलियों में जलभराव जैसी स्थिति बनी हुई है। हालांकि रविवार को लगभग डेढ़ घंटे के लिए बारिश थम गई थी। लेकिन दोपहर बाद दो बजे से बारिश फिर से जारी हो चुकी है तथा आसमान पर छाए घने बादल स्पष्ट इशारा कर रहे हैं कि मेघ अभी जमकर बरसेंगे। बारिश के कारण तापमान में हुई गिरावट से मौसम में काफी बदलाव आ गया है। रविवार को शहर का अधिकतम तापमान 26.5 जबकि न्यूनतम तापमान 22 डिग्री रिकार्ड किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार सोमवार की शाम तक बारिश के आसार हैं। जिले के भीतर से होकर गुजरती पहाड़ी खड्डों की अगर बात करें तो लगभग सभी खड्डों में बारिश का पानी पूरे उफान पर है।
मक्की की फसल पर मौसम का प्रकोप
जिले मे किसानों द्वारा लगाई गई धान व मक्की की फसल की अगर बात करें तो शनिवार से जारी बारिश के कारण मक्की की फसल खेतों में गिर चुकी है जबकि धान की फसल फिलहाल ठीक है। लेकिन किसान घने बादलों एवं मौसम के प्रकोप को देखते हुए ¨चतित भी हैं। किसान रमेश चंद्र सहित हरबंस लाल, सोहन ¨सह, रघुबीर ¨सह, तरसेम ¨सह तथा सतनाम ¨सह के अनुसार फिलहाल धान की फसल को नुकसान नहीं हुआ है। अगर बारिश इसी प्रकार जारी रही तो धान के लिए खतरा हो सकता है।
पहाड़ी खड्डों में उफान
रूपनगर के भीतर से होकर गुजरती स्वां नदी में 5967 क्यूसिक पानी चल रहा है जबकि सरसा नदी में शाम तीन बजे 1005 क्यूसिक पानी था जोकि लगातार बढ़ता जा रहा है। इसके अलावा गरदला खड्ड में 200 क्यूसिक, चरणगंगा खड्ड में 900 क्यूसिक, दसग्राईं खड्ड में 700 क्यूसिक, रूपनगर की हैडवर्क्स झील व सतलुज में 5275 क्यूसिक, सिसवां में 1886 क्यूसिक, बुधकी में 2242 क्यूसिक पानी रिकार्ड किया।
बाढ़ से निपटने को 2 नहरें रखी खाली
बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए सर¨हद नहर, बिस्त दोआब नहर को खाली रखा गया है ताकि अगर किसी कारण पहाड़ी क्षेत्रों से पानी की आवक बढ़े तो उसे नियंत्रित करने के लिए इन खाली नहरों में छोड़ा जा सके। इसी प्रकार भाखड़ा डैम की गो¨बद सागर झील की अगर बात करें तो ढील का जल स्तर 1652.92 फूट जबकि पौंग डैम का जलस्तर 1377.02 पर पहुंच चुका है जोकि खतरे से काफी नीचे है।
इन क्षेत्रों में रिकार्ड बारिश दर्ज
क्षेत्र एमएम
नंगल - 145.4
कोटला - 134
लोहंड - 132
गंगूवाल -131.6
भरतगढ़ - 120
रूपनगर - 85.2
सिसवां - 62
चमकौर साहिब - 39
दोराहा - 38
गढ़ी - 66