मदद के लिए बढ़े हाथ, दविंदर के वतन लौटने की आस
कुवैत में जिदगी और मौत के बीच जूझ रहे रूपनगर के गांव कटली के नौजवान दविदर सिंह को सकुशल अपने वतन लाने के लिए मदद के हाथ बढ़ने लगे हैं। दैनिक जागरण ने दविदर सिंह के कुवैत में बीमार होकर बेसुध होने और परिवार के अपने बेटे को कुवैत से ला पाने में असमर्थ होने के मुद्दे को उजागर किया था
जागरण संवाददाता, रूपनगर : कुवैत में जिदगी और मौत के बीच जूझ रहे रूपनगर के गांव कटली के नौजवान दविदर सिंह को सकुशल अपने वतन लाने के लिए मदद के हाथ बढ़ने लगे हैं। दैनिक जागरण ने दविदर सिंह के कुवैत में बीमार होकर बेसुध होने और परिवार के अपने बेटे को कुवैत से ला पाने में असमर्थ होने के मुद्दे को उजागर किया था, जिसके बाद सरबत दा भला ट्रस्ट के चेयरमैन डॉ.एसपीएस ओबराय ने दविदर सिंह को अपने वतन लाने के लिए होने वाले खर्च को अदा करने का विश्वास दिलाया है।
डॉ.ओबराय ने कहा कि सरबत दा भला ट्रस्ट न सिर्फ दविदर सिंह को कुवैत से भारत लाएगा बल्कि उसके इलाज का खर्च भी उठाएगा। गांव कटली में दविदर के माता पिता को डॉ.एसपीएस ओबराय खुद मिले और उनकी व्यथा सुनी। दविदर के पिता सुच्चा सिंह ने डॉ.ओबराय को बताया कि चार साल पहले उनका बेटा दविदर कुवैत गया था। इसी साल जनवरी में घर आया था और कुछ देर घर रहने के बाद फरवरी में दोबारा कुवैत चला गया था। फिर मार्च में कोरोना महामारी की वजह से अंतरराष्ट्रीय हवाई सेवाएं बंद हो गई और दविदर कंपनी से इस्तीफा देने के बाद वापस नहीं आ सका। 31 जुलाई को उन्हें एक वीडियो संदेश से पता चला कि उसकी हालत ठीक नहीं है और वो अस्पताल में चिताजनक स्थिति में है। इस मौके पर गांव कटली के सरपंच एडवोकेट कमल सैनी, गुरुद्वारा कटली के प्रधान बलवीर सिंह, सरबत दा भला ट्रस्ट रूपनगर के इंचार्ज जेके जग्गी मौजूद थे।
बाक्स डॉ.चीमा ने लिखा केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल को पत्र
दूसरी तरफ, पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ.दलजीत सिंह चीमा ने दविदर सिंह के परिवार के हक में नारा मारते हुए केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल को पत्र लखकर नौजवान को भारत वापस लाने के लिए निजी तौर पर अपील की है। पत्र में डॉ.चीमा ने लिखा है कि दविदर सिंह पुत्र सुच्चासिंह निवासी कटली पिछले काफी समय से कुवैत में है। वो अस्पताल में दाखिल है। नौकरी छूट चुकी है। परिवार की आर्थिक हालत बेहद कमजोर है। कुवैत में रहते पंजाबी उसको संभाल रहे हैं। उसे भारत लाने के लिए भारत के विदेश मामलों के मंत्री के साथ मामला विचार करके कुवैत की सरकार पर दबाव बनाया जाए। जिससे कि नौजवान को तरस के आधार पर सुरक्षित भारत वापस लाया जा सके।