मक्की की सरकारी खरीद शुरू हो:
कुराली अनाज मंडी में किसानों को अपनी मक्की की फसल प्राइवेट हाथों में बेच कर लूट का शिकार होना पड़ रहा है। किसानों ने सरकार से गेंहू तथा धान की फसल की तरह मक्की की फसल की भी सरकारी खरीद किए जाने की मांग की है। इस संबंधी अनाज मंडी में जानकारी देते हुए जत्थेदार मनजीत ¨सह मुंधो, सत¨वदर ¨सह, बल¨वदर ¨सह, हर¨मदर ¨सह आदि ने बताया कि मक्की का सरकारी मूल्य कम से कम मूल्य 1500 रूपये प्रति ¨क्वटल है।
संवाद सूत्र, कुराली : कुराली अनाज मंडी में किसानों को अपनी मक्की की फसल प्राइवेट हाथों में बेच कर लूट का शिकार होना पड़ रहा है। किसानों ने सरकार से गेहूं तथा धान की फसल की तरह मक्की की फसल की भी सरकारी खरीद किए जाने की मांग की है। इस संबंधी अनाज मंडी में जत्थेदार मनजीत ¨सह मुंधो, सत¨वदर ¨सह, बल¨वदर ¨सह, हर¨मदर ¨सह आदि ने बताया कि मक्की का सरकारी मूल्य कम से कम मूल्य 1500 रुपये प्रति ¨क्वटल है, लेकिन मक्की की सरकारी खरीद न होने के कारण किसानों को अपनी फसल प्राइवेट आढ़तियों को बहुत ही कम मूल्य पर बेचनी पड़ रही है। आढ़तियों द्वारा उनकी मक्की केवल 900 रुपये से लेकर 1100 रुपये प्रति ¨क्वटल खरीदी जा रही है। जत्थेदार मनजीत ¨सह मुंधो तथा अन्य किसानों ने कहा कि सरकार द्वारा किसानों की हो रही इस लूट को लेकर सरकार गंभीर नही है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किसानों के हितों को अनदेखा किया जा रहा है। उन्होंने सरकार से गेंहू तथा धान की फसल की तरह मक्की की सरकारी खरीद शुरू किए जाने की मांग की है ताकि किसानों की हो रही लूट को बचाया जा सके।
इस संबंधी मार्केट कमेटी के सचिव मलकीयत ¨सह ने कहा कि ज्यादा नमी होने कारण ही कई बार इस प्रकार की समस्या पेश आती है। उन्होंने इस मामले की जांच का भरोसा देते हुए किसानों को मंडी में सूखी फसलें लाने की अपील की ताकि उनको उनकी फसल का सही मूल्य मिल सके।