सिविल अस्पताल मे जांच दौरान भागा कैदी, दबोचा
रूपनगर के सिविल अस्पताल में उस वक्त पुलिस के हाथ पांव फूल गए जब अस्थाई जेल से जांच के लिए अस्पताल लाया गया एक कैदी सहायक थानेदार से हाथ छुड़ाते हुए भाग गया। हालांकि पुलिस ने उसी वक्त हरकत में आते हुए उस कैदी को अस्पताल का गेट पार करने से पहले ही दबोच लिया है लेकिन इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि पुलिस कैदियों को काबू रख पाने में कितनी सक्षम है।
संवाद सहयोगी, रूपनगर: रूपनगर के सिविल अस्पताल में उस वक्त पुलिस के हाथ पांव फूल गए जब अस्थाई जेल से जांच के लिए अस्पताल लाया गया एक कैदी सहायक थानेदार से हाथ छुड़ाते हुए भाग गया। हालांकि पुलिस ने उसी वक्त हरकत में आते हुए उस कैदी को अस्पताल का गेट पार करने से पहले ही दबोच लिया है लेकिन इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि पुलिस कैदियों को काबू रख पाने में कितनी सक्षम है।
इस बारे सहायक थानेदार सुच्चा राम ने बताया कि सोमवार को अपनी टीम के साथ घनौली की अस्थाई जेल से दो कैदियों राज कुमार उर्फ राजू तथा टिकू उर्फ गलियारा को सरकारी गाड़ी में सिविल अस्पताल रूपनगर में चैक करवाने के लिए लाए थे। उन्होंने बताया कि जब वे अस्पताल के रूम नंबर दो के समक्ष खड़े होकर डाक्टर का इंतजार कर रहे थे तो कैदी राज कुमार उर्फ राजू उनकी पकड़ से अपना हाथ छुड़वा भाग निकला। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी टीन के साथियों को जोर से पुकारते हुए भागने वाले कैदी का पीछा किया जबकि इसी बीच सहायक थानेदार जलपाल सिंह ने दूसरी साइड से घेरा डालते हुए अस्पताल के देट से पहले ही उसे काबू कर लिया। उन्होंने बताया कि इस पूरी घटना की जानकारी उसी वक्त थाना सिटी को दी गई है। इस बारे जांच अधिकारी एएसआई अंग्रेज सिंह ने बताया कि भागने वाले कैदी को पकड़े जाने के बाद उसके खिलाफ थाना सिटी में विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है तथा यह भी बताया कि कैदी राज कुमार उर्फ राजू वासी बंगाला बस्ती, नजदीक बस स्टेंड मोरिडा मोरिडा में हुई एक हत्या के मामले में उमर कैद की सजा भुगत रहा है जिसे कोविड महामारी के चलते घनौली की अस्थाई जेल में रखा हुआ है। उन्होंने बताया कि मंगलवार को आरोपित को अदालत में पेश करने के बाद अदालती आदेशों पर जेल भेज दिया गया है।