राहत: कोरोनो के सिर्फ 19 केस , एक मौत
जिले में तीन माह बाद कोरोना का ग्राफ नीचे आया है।
जागरण संवाददाता, रूपनगर: जिले में तीन माह बाद कोरोना का ग्राफ नीचे आया है। मंगलवार को कोरोना के एक दिन में मार्च के बाद सबसे कम 19 संक्रमण के केस आए हैं। ये जिले के लोगों के लिए राहत की खबर है, जबकि एक कोरोना पाजिटिव की मौत हुई है। इसके अलावा 79 लोग ठीक भी हुए हैं। जिले में मार्च माह की 13 तारीख को 19 संक्रमण के केस आए थे। अब तक 12554 लोगो कोरोना पाजिटिव हो चुके हैं और इनमें से 11842 लोग इस बीमारी से संघर्ष करके निजात पा चुके हैं। कहां कितने केस आए श्री चमकौर साहिब 08
रूपनगर 04
नंगल 04
मोरिडा 02
जिले में 327 एक्टिव केस: डा. ढांडा सिविल सर्जन डा. दविदर कुमार ढांडा ने बताया कि जिले में मंगलवार तक कोरोना के 327 एक्टिव केस हैं। अब तक लिए 225297 सैंपलों में से 211750 की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। मंगलवार को गांव पचरंडा के 60 साल की महिला की कोरोना से मौत हुई है। आरटीपीसीआर के लिए सैंपलिग कम उधर जिले में कोरोना मामलों की टेस्टिंग के लिए सैंपलिग का आंकड़ा मंगलवार को एक हजार पार कर गया। सोमवार को भी 1024 सैंपल लिए गए थे। वहीं आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए सैंपलिग का आंकड़ा लगातार कम हो रहा है। रविवार को 510 व सोमवार को 671 व मंगलवार को 578 सैंपल लिए गए।
डा. आर्य ने जरूरतमंद का किया फ्री उपचार
जागरण संवाददाता, नंगल: कोविड-19 की वैश्विक महामारी के दौरान आर्य ईएनटी अस्पताल ने अपने सेवा प्रकल्प को जारी रखा हुआ है। इस कड़ी में डा. केआर आर्य ने टाहलीवाल के एक जरूरतमंद व्यक्ति का फ्री उपचार किया। ईएनटी विशेषज्ञ डा. आर्य ने बताया कि टाहलीवाल के वार्ड नंबर छह में रहने वाले बलवीर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। कोविड-19 के महामारी भरे हालातों में उसका समय पर उपचार जरूरी था । इस मकसद से उन्होंने आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के मुखिया का फ्री आपरेशन करके अपनी सामाजिक जिम्मेदारी का निर्वहन किया है। उन्होंने बताया कि पीड़ित बलवीर चंद व उनकी पत्नी शारीरिक रूप से अक्षम है। दो बच्चे स्कूल में पढ़ रहे हैं। ऐसे में आर्थिक तंगी के चलते इस परिवार को गले के ऑपरेशन का फ्री इलाज की सेवाएं प्रदान की गई हैं।
डा. आर्य ने कहा कि कोविड-19 के मद्देनजर वे लोगों को यह भी समझा रहे हैं कि सभी गाइड लाइन का पालन जरूर करें तथा बीमारियों का समय पर उपचार करवाएं, ताकि सामान्य होने वाला उपचार कहीं गंभीर न बन जाए।