Move to Jagran APP

देश की में पंजाबी भाषा को लिस्ट में से बाहर निकालना निदनीय: लालपुरा

देश की केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर में सरकारी भाषाओं की लिस्ट में से पंजाबी भाषा को बाहर करने के फैसले का हर तरफ सख्त विरोध हो रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 Sep 2020 12:11 AM (IST)Updated: Thu, 10 Sep 2020 12:11 AM (IST)
देश की में पंजाबी भाषा को लिस्ट में से बाहर निकालना निदनीय: लालपुरा
देश की में पंजाबी भाषा को लिस्ट में से बाहर निकालना निदनीय: लालपुरा

संवाद सहयोगी, आनंदपुर साहिब : देश की केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर में सरकारी भाषाओं की लिस्ट में से पंजाबी भाषा को बाहर करने के फैसले का हर तरफ सख्त विरोध हो रहा है। आनंदपुर साहिब के सिख बुद्धिजीवी फोरम ने भी इस फैसले को पंजाबी भाषा पर सीधा सीधा हमला करार दिया है। सिख बुद्धिजीवी फोरम के प्रधान प्रसिद्ध सिख विद्वान, शिरोमणि सिख साहित्यकार और पहले इंसानियत समाज सेवी संस्था के सरपरस्त इकबाल सिंह लालपुरा ने कहा कि जम्मू कश्मीर में पंजाबी भाषा को सरकारी भाषा में शामिल न करके पंजाबी बोलते लोगों के साथ बहुत बेइंसाफी की गई है। उन्होंने कहा कि 1849 से पहले कश्मीर और लद्दाख खालसा राज्य का हिस्सा रहा है जहां गुरमुखी लिपि में पंजाबी पढ़ी जाती थी। आजादी के बाद भी पंजाबी जम्मू कश्मीर की दूसरी मुख्य भाषा थी। पंजाबी भाषा का संबंध सभ्याचार के साथ होता है। डोगरी, पहाड़ी, पुआधी, पोठोहारी पंजाबी की उप भाषाएं हैं। पंजाबी भाषा पर पाबंदी लगाकर पंजाबी सभ्याचार को बांटने और खत्म करने का प्रयास हो रहा है। जोकि बहुत ही चिता का विषय है। सिख बुद्धिजीवी फोरम आनंदपुर साहिब भारत सरकार और जम्मू कश्मीर के लैफ्टिनैंट गवर्नर साहिबान को निवेदन करता है कि हमारे भारतीय सभ्याचार को मूल रूप में प्रफुल्लित करने के लिए क्षेत्रीय भाषाओं को भी बनता दर्जा और सत्कार देना चाहिए। पंजाबी उत्तरी भारत की प्रमुख भाषा है। कई सौ सालों से गुरमुखी लिपि में पढ़ी और पढ़ाई जाती है। सिख बुद्धिजीवी फोरम जम्मू कश्मीर में पंजाबी भाषा को सरकारी भाषा की लिस्ट में से बाहर करने की पुरजोर निदा करता है। इस मौके सीनियर उप प्रधान प्रिसिपल सुरिदर सिंह, महासचिव भाई हरसिमरन सिंह, उपप्रधान जत्थेदार संतोख सिंह, करनल जय बंस सिंह, अवतार सिंह टौहड़ा, प्रैस सचिव प्रिसिपल गुरमिदर सिंह भुल्लर, प्रिसिपल सुखपाल कौर वालिया, प्रिसिपल रणजीत सिंह उपस्थित थे।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.