पंजाब में बर्बादी के किनारे पहुंचा शैक्षणिक ढांचा : डॉ. चीमा
संवाद सहयोगी, श्री आनंदपुर साहिब : पंजाब का समूह शैक्षणिक ढांचा बर्बादी के किनारे पहुंच ग
संवाद सहयोगी, श्री आनंदपुर साहिब : पंजाब का समूह शैक्षणिक ढांचा बर्बादी के किनारे पहुंच गया है क्योंकि विभाग द्वारा रोजाना बेतुके तथा नए-नए फैसले लागू किए जा रहे हैं जिसके कारण अध्यापक वर्ग परेशानी के आलम में रोष प्रदर्शन कर रहा है।
यह बात पूर्व शिक्षामंत्री डॉ. दलजीत ¨सह चीमा ने आनंदपुर साहिब में प्रेसवार्ता के दौरान कही। इस मौके पर उन्होंने पंजाब के मौजूदा शिक्षा प्रबंधों में पाई जा रही खामियों पर गहरी ¨चता जताते कहा कि इससे पहले पंजाब शिक्षा के क्षेत्र में देश के अव्वल राज्यों में गिना जाता रहा है। उन्होंने कहा कि अकाली-भाजपा सरकार के समय राज्य के अंदर अध्यापकों की जरूरत के अनुसार भर्ती की गई तथा वेतन भी समय पर दिया जाता रहा है, जबकि आज हालात ये हैं कि नए अध्यापकों की भर्ती तो क्या करनी थी पहले से कार्यरत अध्यापकों को समय पूरा करने के बावजूद रेगुलर तक नहीं किया जा रहा है और तो और अध्यापकों को समय पर वेतन भी नहीं दिया जा रहा है। इससे स्पष्ट है कि मौजूदा शिक्षा ढांचे की हवा किसी भी समय पर निकल सकती है।
इस मौके महासचिव ठेकेदार गुरनाम ¨सह, जिला प्रधान परमजीत ¨सह लक्खेवाल, रणजीत ¨सह गुडविल, हरजीत ¨सह अ¨चत तथा मैनेजर जसवीर ¨सह भी उपस्थित थे। गलती पर पछता रहे लोग
उन्होंने पंजाब के भीतर अराजकता की बात करते कहा कि आज चारी और कत्ल की घटनाएं, पुलिस की उच्चाधिकारियों का आपसी वैर-विरोध, एसएसपी तथा डीजीपी स्तर के आधिकारियों पर दर्ज किए जा रहे झूठे पर्चों का बोलबाला यह सिद्ध कर रहा है कि प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज ही नहीं है तथा पंजाब के लोग अपनी गलती के लिए बुरी तरह से पछता रहे हैं।
पानी की एक बूंद भी बाहर नहीं जाने देंगे
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में एसवाइएल के पानी के मामले पर पंजाब के साथ कोई बातचीत न करने संबंधी दिए बयान पर उन्होंने कहा कि खट्टर तो क्या, चाहे कोई भी आ जाए लेकिन वे पंजाब के पानी की एक भी बूंद प्रदेश से बाहर नहीं जाने देंगे। इसके लिए वे कोई भी कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं।