रणजीत आयोग की रिपोर्ट पर फूंका बादलों का पुतला
ुराली में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और बरगाड़ी व बहबल कलां कांड में बादलों का नाम आने के बाद अकाली दल 1920 द्वारा पंथक संगठनों के सहयोग से रोष मार्च निकाला गया। इस दौरान शहर के राष्ट्रीय मार्ग के चौक में बादलों का पुतला भी जलाया।
संवाद सहयोगी, कुराली : कुराली में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और बरगाड़ी व बहबल कलां कांड में बादलों का नाम आने के बाद अकाली दल 1920 द्वारा पंथक संगठनों के सहयोग से रोष मार्च निकाला गया। इस दौरान शहर के राष्ट्रीय मार्ग के चौक में बादलों का पुतला भी जलाया। प्रदर्शनकारियों ने जस्टिस रणजीत ¨सह की रिपोर्ट के आधार पर बादलों तथा तत्कालीन पुलिस प्रमुख के खिलाफ मामला दर्ज करने की जोरदार मांग उठाई। प्रदर्शन के दौरान एसजीपीसी कार्यकारिणी के पूर्व सदस्य हरबंस ¨सह कंधोला, भजन ¨सह शेरगिल, पूर्व एसजीपीसी सदस्य बलवीर ¨सह गिल, पार्टी के यूथ ¨वग के प्रधान अर¨वदर ¨सह पेंटा, जोरा ¨सह, सुख¨वदर ¨सह मूंडियां, जसमेर ¨सह चैड़ियां सहित पंथक अकाली लहर के नेता र¨वदर ¨सह वजीदपुर, अच्छर ¨सह कंसाला तथा गुरप्रीत ¨सह, जिम्मी कुराली ने कहा कि जस्टिस रणजीत ¨सह द्वारा की गई जांच के बाद स्पष्ट हो गया है कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी करवाने से लेकर बरगाड़ी तथा बहबल कलां कांड में बादलों का पूरा हाथ था। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में पेश किए तथ्यों ने स्पष्ट कर दिया है कि बादलों ने सिख पंथ को नुकसान पहुंचाया है।
बादलों ने सदैव धर्म का लिया राजनीतिक लाभ
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बादलों ने सदैव ही धर्म को राजनीतिक लाभ के लिए बरतने को प्राथमिकता दी है। उन्होंने संगत को जिला परिषद तथा ब्लॉक समिति चुनावों में पंथ का नुकसान पहुंचाने वाली आरोपित पार्टियों तथा नेताओं का बायकाट करने का आह्वान करते हुए साफ अक्स वाले प्रत्याशियों के पक्ष में ही वोट डालने की अपील की है। पंथ के आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई होने तक संघर्ष जारी रखने की घोषणा की है।
कैप्टन को दो टूक, कार्रवाई न हुई तो तेज होगा संघर्ष
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री कैप्टन से मांग की है कि धर्म को राजनीतिक लाभ के लिए बरतने वाले बादलों व गोलियां चलाकर ¨सहों को शहीद करने के आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज कर तुरंत जेलों में बंद किया जाए। वक्ताओं ने कहा कि यदि कैप्टन सरकार ने कार्रवाई करने में ढील की तो उनकी पार्टी पंथक संगठनों के सहयोग से कड़ा संघर्ष शुरू करेगी। इस दौरान शहर के खालसा स्कूल से रोष मार्च निकाला गया जोकि शहर के बाजारों में से होते हुए राष्टीय मार्ग के मुख्य चौक में आकर समाप्त हो गया।