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बाईपास की हालत खस्ता हालत, डिवाइडर पर झाड़ियों ने किया कब्जा

गड्ढों से भरा रूपनगर बाईपास न सिर्फ राहगीरों के लिए घातक साबित हो रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 30 Nov 2019 10:58 PM (IST)Updated: Sat, 30 Nov 2019 10:58 PM (IST)
बाईपास की हालत खस्ता हालत, डिवाइडर पर झाड़ियों ने किया कब्जा
बाईपास की हालत खस्ता हालत, डिवाइडर पर झाड़ियों ने किया कब्जा

अजय अग्निहोत्री, रूपनगर: गड्ढों से भरा रूपनगर बाईपास न सिर्फ राहगीरों के लिए घातक साबित हो रहा है , बल्कि इसके बीच बने डिवाइडर पर जंगली बूटी के साम्राज्य से राहगीर भ्रमित हो रहे हैं। इसे सड़क की चौड़ाई का जहां पता नहीं चलता, वहीं सफेद लाइन भी सड़क से गायब है। गड्ढों के बीच लोग अपनी जान हथेली पर लेकर चलते हैं। इस बाईपास के डिवाइडर और दोनों किनारों को साल 2015 में पेड़ों से लबरेज करने और फूलदार पौधों से सुंदरता को बढ़ाने के लिए जोरशोर से काम हुआ था, लेकिन बाद में माली रखकर इन पौधों को नियमित पानी देने और इनकी देखभाल की सहीं व्यवस्था भी न हो सकी। गौर हो कि रूपनगर में सात किलोमीटर लंबे और 180 करोड़ की लागत से बने रूपनगर-फगवाड़ा बाईपास का उद्घाटन दो अक्टूबर 2015 को पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने किया था। उस वक्त बाईपास के मध्य एवं किनारों पर बड़े स्तर पर छायादार एवं फूलदार पौधे लगाए गए थे। ये पौधे उस वक्त वन विभाग रूपनगर ने लगाए गए थे। हजारों की तादाद में लगाए गए इन पौधों की देखरेख शुरू में तो होती रही, लेकिन बाद में मैन पावर और फंडों की कमी की से 50 फीसद पौधे सूख गए। अब यहां पर जंगली घास व बूटी ने कब्जा किया है। जानकारी के मुताबिक इस बाईपास के आसपास नौ सौ छायादार पौधे लगाए गए थे। जिनमें से चकरासिया के 500, जामुन के 150, आम के 150 व पिलकन के 90 पौधे लगाए थे, लेकिन इन पौधों की जानवरों से रक्षा करने के लिए वन विभाग इनके आसपास कांटेदार तार भी नहीं लगा पाया। इसी तरह बाईपास की सुंदरता के लिए इसके मध्य बने डिवाइडर के ऊपर फूलदार पौधे भी लगाए गए थे। इनमें कनेर, चांदनी, हैवीनस, टकोमा आदि किस्मों के तीन हजार पौधे लगाए गए थे।

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वन विभाग ने लगवाए थे पौधे प्रोजेक्ट के तहत लगाए पौधों का दूसरा पहलु ये भी है कि इन पौधों पर खर्च का कोई बिल वन विभाग ने चार्ज नहीं किया था। ये पौधे वन विभाग ने फ्री लगवाए थे। इन पौधों की देखरेख और पानी देने की जिम्मेदारी वन विभाग के ब्लॉक आफसर तथा वन गार्ड की तय की गई थी, लेकिन बजट न होने के कारण ये जिम्मेदारी भी बीच में दम तोड़ गई। गड्ढे खुदवाकर भूल गए अफसर

बाईपास के शुरुआत मौके खुशी में मदमस्त हुए अधिकारियों ने सड़क के दूसरे किनारे अवैध कब्जों को रोकने तथा नए पेड़ लगाने के लिए बडे़-बड़े गड्ढे खोद दिए, लेकिन बाद में फंड न मिलने के कारण ये गड्ढे आज भी पौधों का इंतजार कर रहे हैं। 11 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट किया तैयार: एसडीओ ऊधर पीडब्ल्यूडी विभाग रूपनगर के एसडीओ राजबीर सिंह ने कहा कि रूपनगर बाईपास की खस्ता हालत और इसके डिवाइडर पर झाड़ियों की सफाई आदि का संयुक्त प्रोजेक्ट बनाकर मंजूरी के लिए उच्चाधिकारियो को भेजा गया है। कुल प्रोजेक्ट 11 करोड़ रुपये का है और एक माह तक इस प्रोजेक्ट के अमल में आने की उम्मीद है। बाईपास की रिपेयर का काम लंबे समय से पेंडिग है।


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