संतजनों ने किया संगत का मार्गदर्शन
परम लोक आश्रम दड़ौली अप्पर में आयोजित वार्षिक मूर्ति स्थापना एवं संत सम्मेलन भक्तिमय वातावरण में संपन्न हो गया।
जागरण संवाददाता, नंगल: परम लोक आश्रम दड़ौली अप्पर में आयोजित वार्षिक मूर्ति स्थापना एवं संत सम्मेलन भक्तिमय वातावरण में संपन्न हो गया। इस मौके स्वामी कृपाला नंद जी महाराज ने कहा कि लंबे समय से आश्रम में मानवता के आध्यात्मिक मार्गदर्शन के अलावा गोमाता की सेवा के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। हमें वेद ग्रंथों पर चलते हुए आदशरें तथा उपदेशों का पालन के महत्व से भी अवगत होना चाहिए। प्रत्येक घर में एक गोमाता जरूर होनी चाहिए। सभी का परम कर्तव्य बनता है कि वह गोमाता की सेवा को अपने जीवन का अहम हिस्सा बनाएं। योगाचार्य आरएस राणा ने भी योग साधना से जुड़े रहने की प्रेरणा देते हुए कहा कि जीवन में हम अपने शरीर को तंदुरुस्त बनाए रखकर ही अच्छे व शुभ कार्य में सफलता हासिल कर सकते हैं। कार्यक्रम में समाज सेविका माया देवी, लुधियाना से योगानंद पुरी, सुनीता नंद पुरी, डा. परमिंदर शर्मा, अभिषेक, वीना शर्मा, हरमिंदर सिंह, शशि पाल, संतु, संजू सरपंच भलाण, परमिंद्र सिंह, देवेंद्र शर्मा, शिव कुमार, राम सिंह, रमेश दसग्राई, ठाकुर अवतार सिंह चौधरी सहित बड़ी संख्या में भक्तजनों ने आश्रम में पहुंचे संतजनों का आशीर्वाद प्राप्त करते हुए जीवन में नए कायरें के लिए सहयोग जारी रखने की वचनबद्धता दोहराई। कार्यक्रम में डा. पीजेएस कंग आनंदपुर साहिब वालों ने भी फ्री मेडिकल चेकअप शिविर लगाकर आए श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य की जांच कर फ्री दवाइयां बांटीं। भागवत में सभी वेदों का ज्ञान: आशुतोष संवाद सहयोगी, आनंदपुर साहिब: भागवत कथा एकमात्र कथा है, जो लोगों को भवसागर से पार ले जा सकती है। यहां जारी भागवत कथा के दौरान प्रवचन करते हुए कथावाचक शास्त्री आशुतोष संख्यान ने कहा कि ईश्वर स्वयं उन स्थानों पर निवास करता है, जहां इस तरह के धार्मिक आयोजन होते हैं। भागवत कथा में सभी वेदों का ज्ञान है, इसलिए सभी को भागवत का श्रवण करना चाहिए।