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आश्वासन नहीं , अब आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे बीएसएनएल कर्मी

जागरण संवाददाता, नंगल ट्रेड यूनियनों की देशव्यापी हड़ताल के आह्वान पर मंगलवार को शहर में भारत संचार

By JagranEdited By: Published: Tue, 08 Jan 2019 10:01 PM (IST)Updated: Tue, 08 Jan 2019 10:01 PM (IST)
आश्वासन नहीं , अब आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे बीएसएनएल कर्मी
आश्वासन नहीं , अब आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे बीएसएनएल कर्मी

जागरण संवाददाता, नंगल

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ट्रेड यूनियनों की देशव्यापी हड़ताल के आह्वान पर मंगलवार को शहर में भारत संचार निगम लिमिटेड के स्थानीय कर्मचारियों ने राष्ट्रव्यापी हड़ताल के आह्वान में रोष प्रदर्शन किया। बीएसएनएल इंप्लाइज यूनियन, नेशनल फेडरेशन ऑफ टेलीकॉम इंप्लाइज, बीएसएनएल मजदूर संघ, टेलीकॉम इंप्लाइज प्रोग्रेसिव यूनियन को समर्थन देते हुए किए गए रोष प्रदर्शन में कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों चनन सिंह, शाम लाल, राजीव शर्मा, रणजीत सिंह, बलदेव सिंह, मोहन चंद, मनोहर लाल आदि ने बताया कि देश में कर्मचारी संगठनों की ओर से केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में किए राष्ट्र व्यापी संघर्ष का मकसद निगम के कर्मचारियों की जायज मांगों को पूरा करवाना है। उन्होंने बताया कि आज नंगल के बीएसएनएल कर्मचारियों ने मांगों को पूरा करवाने के लिए नारेबाजी की है। यह भी फैसला लिया गया है कि राष्ट्र व्यापी हड़ताल को पुरजोर समर्थन बरकरार रखा जाएगा ताकि कर्मचारियों की मांगों को पूरा करवाया जा सके। उन्होंने कहा कि बीएसएनएल प्रबंधन लंबे समय से कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने में टालमटोल की नीति अपनाए हुए है। परिणामस्वरूप आज मजबूरन कर्मचारियों को हड़ताल करने का फैसला लेना पड़ा है। मांगें पूरी न होने की सूरत में संघर्ष को तेज किया जा सकता है। रोष प्रदर्शन में पवन कुमार ऐरी, अशोक शर्मा, यशपाल कालिया, सुरेंद्र सिंह, कुलवीर सिंह बैंस, जगदीश, जसवंत सिंह, सुशील कुमार दत्ता, विजय कुमार, राकेश कुमार, एसडी सैनी, सरोज बाला, हरमिंदर कौर, किशोरी लाल, मस्त राम आदि ने भी केंद्र सरकार के विरुद्ध नारेबाजी की।

ये हैं मुख्य मांगें

मूल्य वृद्धि पर रोक, रोजगार की उपलब्धता, न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपए करना, श्रम कानूनों का पालन तथा कानूनों का हनन करने पर कड़ी सजा का प्रावधान, न्यूनतम पेंशन हर वर्कर को 3 हजार रुपए देना, सेंट्रल व स्टेट पीएसयू में विनिवेश और रणनीति विक्रय पर रोक, स्थाई कार्यो में ठेकेदारी प्रथा पर रोक लगा कर समान काम के लिए समान वेतन देना, श्रम कानूनों में संशोधन पर रोक, रेलवे बीमा व डिफेंस में एफडीआई पर रोक आदि शामिल हैं।


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