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क्षमता से कैदी कम, फिर भी राम भरोसे है जिला जेल

रूपनगर की जिला जेल में वर्तमान जेल सुपरिंटेंडेंट जसवंत सिंह थिद द्वारा बढ़ाई गई सतर्कता के चलते बैरकों में कैदियों द्वारा मोबाइल का प्रयोग करना पहले से काफी कम हो गया है ।

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 12:58 AM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 12:58 AM (IST)
क्षमता से कैदी कम, फिर भी राम भरोसे है जिला जेल
क्षमता से कैदी कम, फिर भी राम भरोसे है जिला जेल

संवाद सहयोगी, रूपनगर

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रूपनगर की जिला जेल में वर्तमान जेल सुपरिंटेंडेंट जसवंत सिंह थिद द्वारा बढ़ाई गई सतर्कता के चलते बैरकों में कैदियों द्वारा मोबाइल का प्रयोग करना पहले से काफी कम हो गया है लेकिन कैदियों द्वारा छिपा कर रखे गए मोबाइल मिलने का क्रम आज भी जारी है। सुरक्षा की अगर बात करें तो जिला जेल की सुरक्षा फिलहाल नाम भरोसे है क्योंकि आधुनिक उपकरणों वाले इस दौर में जेल अंदर तुल्नात्मक उपकरणों का अभाव है।

जिला रूपनगर जेल की क्षमता की अगर बात करें तो इस जेल अंदर 473 कैदियों को रखा जा सकता है जबकि वर्तमान में जेल अंदर क्षमता से काफी कम यानि 320 कैदी ही हैं जबकि कुछ कैदियों को कोरोना वायरस के खतरे के चलते छुट्टी पर भेजा हुआ है व कुछ की जमानत हो चुकी है।

एक साल में बरामद हुए 150 मोबाइल फोन

इस जेल अंदर पिछले एक साल दौरान 150 के लगभग मोबाइल फोन कैदियों से बरामद किए जा चुके हैं लेकिन जेल अंदर बढ़ाई गई सख्ती व सतर्कता के चलते मोबाइल मिलने की गति काफी कम हो गई है। हालांकि खाली पड़ी बैरकों में जमीन अंदर गाड़ कर छिपाए गए मोबाइल अभी मिल रहे हैं जिनके बारे जेल सुपरिटेंडेंट द्वारा जांच करवाई जा रही है।

ना जैमर है और ना ही स्कैनर

अब अगर सुरक्षा सिस्टम की बात करें तो जेल अंदर अच्छी पावर वाला जैमर जहां होना जरूरी है वहीं वार्डन के पास पैनिक अलार्म होना, सीसीटीवी कैमरे होना व वॉच टावर सर्च लाइटों सहित होना जरूरी है। रूपनगर जेल अंदर कोई जैमर, पैनिक अलार्म व बॉडी स्कैनर नहीं हैं। वैसे जेल के चारों तरफ सर्च लाइटों से युक्त वॉच टॉवर जरूर लगे हुए हैं जोकि चलते हैं जबकि जेल के प्रवेश व भीतरी हिस्से में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। जेल से हासिल की गई जानकारी के अनुसार ड्योढ़ी में एक मल्टीपर्पज अलार्म लगाया गया है जिसका प्रयोग किसी बड़ी आपात स्थिति के वक्त ही किया जाता है क्योंकि इसका प्रयोग करते ही जिला पुलिस व प्रशासन का सारा सिस्टम तुरंत हरकत में आ जाता है।

माना कुछ खामियां हैं, फिर भी व्यवस्था चाकचौबंद है

जेल सुपरिंटेंडेंट जसवंत सिंह थिद ने माना कि सुरक्षा सिस्टम में कमियां हैं लेकिन साथ यह दावा किया कि बावजूद इसके उनकी जेल अंदर कुछ गलत कर पाना कठिन है। उन्होंने कहा कि जेल अंदर जो कमियां हैं उन्हें पूरा करने के लिए सरकार को कई बार लिखा जा चुका है इसलिए उन्हें दूर करना अब सरकार का काम है।

उन्होंने कहा कि जेल अंदर मोबाइल मिलने अब कम हो गए हैं लेकिन जो जमीन में छिपा कर रखे गए मोबाइल मिल रहे हैं उनके बारे जांच की जा रही है।


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