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श्री गुरु रविदास ने मिटाई थीं जात- पात की दूरियां

आनंदपुर साहिब, कीरतपुर साहिब आनंदपुर साहिब में संत बाबा लाभ ¨सह किला आनंदगढ़ साहिब वालों के सहयोग के साथ भगत रविदास जी के 642 वें प्रकाश पर्व को समर्पित विशाल नगर कीर्तन सजाया गया। यह नगर कीर्तन मोहल्ला बड़ी सरकार से श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की छत्रछाया और पांच प्यारों के नेतृत्व में शुरू हुआ।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 10:13 PM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 10:13 PM (IST)
श्री गुरु रविदास ने मिटाई थीं जात- पात की दूरियां
श्री गुरु रविदास ने मिटाई थीं जात- पात की दूरियां

जागरण टीम, आनंदपुर साहिब, कीरतपुर साहिब

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आनंदपुर साहिब में संत बाबा लाभ ¨सह किला आनंदगढ़ साहिब वालों के सहयोग के साथ भगत रविदास जी के 642 वें प्रकाश पर्व को समर्पित विशाल नगर कीर्तन सजाया गया। यह नगर कीर्तन मोहल्ला बड़ी सरकार से श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की छत्रछाया और पांच प्यारों के नेतृत्व में शुरू हुआ। इस मौके नगर कीर्तन आरंभ करने के लिए तख्त साहिब के हेडग्रंथी ज्ञानी फुला ¨सह द्वारा अरदास की गई। यह नगर कीर्तन शहर के चोई बाजार, गुरु बाजार, मेन बाजार, कलगीधर मार्केट और पुड्डा मार्केट आदि स्थानों से होते हुए देर शाम गुरुद्वारा श्री भगत रविदास जी में पहुंच कर संपन्न हुआ। जहां संगत के लिए गुरुद्वारा साहिब में गुरुद्वारा की प्रबंधक कमेटी द्वारा संगत के लिए लंगर लगाया गया। इस मौके एसजीपीसी सदस्य ¨प्रसिपल सु¨रदर ¨सह, स्त्री सत्संग सभा प्रधान गुरचरन कौर, शिअद के सर्कल प्रधान मास्टर हरजीत ¨सह अ¨चत, रणवीर ¨सह कलौतां, सूचना अफसर हरदेव ¨सह, हरतेगवीर ¨सह तेगी, कुलदीप ¨सह बंगा, गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान दर्शन ¨सह, श्रवण ¨सह, स्वर्ण ¨सह, जीत ¨सह, निर्मल ¨सह, बलजीत ¨सह, हैप्पी जस्सल, मोहन ¨सह भसीन, बलवीर ¨सह, सुखदेव ¨सह, अमनदीप ¨सह, कुलवीर ¨सह, गुरबचन ¨सह, कुल¨वदर ¨सह, रमनजोत ¨सह, भू¨पदर ¨सह, दलवीर ¨सह आदि सहित बड़ी संख्या में क्षेत्र की संगत शामिल थी। इसी प्रकार कीरतपुर साहिब के निकटवर्ती गांव कलयाणपुर में श्री गुरु रविदास जी का प्रकाशपर्व श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस मौके श्री गुरु रविदास जी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा क्षेत्रवासियों के सहयोग के साथ धार्मिक समागम करवाया गया। जिसमें पिछले दिनों से रखे गए श्री अखंड पाठ साहिब जी के भोग डाले। इसके उपरांत किशोर ¨सह बंगड़ व ग्रंथी भजन ¨सह द्वारा श्री गुरु रविदास जी के जीवन के संबंध में विस्तृत रूप से प्रकाश डाला गया। उन्होंने कहा कि 642 वर्ष पहले जब देश में जातपात के चलते हुए लोगों को भगवान का नाम लेने की मनाही थी, उस समय श्री गुरु रविदास जी ने प्रकाश लेकर लोगों को जातपात से ऊपर उठकर भगवान का नाम जपने का उपदेश दिया। इस मौके सु¨रदर कौर व अमृत कौर ने शबद कीर्तन के साथ श्री गुरु रविदास जी की महिमा का गुणगान किया। इसके अलावा करमजीत ¨सह बढ़ल्ल वालों और दलजीत ¨सह घनौरी वालों के रागी जत्थों ने संगत को निहाल किया। इस समागम के दौरान प्रबंधक कमेटी के सचिव भाग ¨सह, हर¨वदर ¨सह, गुरनैब ¨सह, मदन लाल बाली, जो¨गदर चोपड़ा, संतोख ¨सह, कुल¨वदर ¨सह, राजीव कुमार, जस¨वदर ¨सह, सुख¨वदर ¨सह, बल¨वदर ¨सह, प्रवीन कुमार, मान ¨सह, रूपलाल बाली, दलजीत ¨सह काका, अन्नत राम आदि सहित बड़ी संख्या में संगत उपस्थित थी।


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