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पंजगाठड़ा मेले में आज शाही स्नान करेगी संगत

बैसाखी पर नंगल में दशकों से लगते आ रहे बिभोर साहिब के पंजगाठड़ा मेले में आज लोग पहुंच कर शाही स्नान करेंगे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Apr 2021 05:23 PM (IST)Updated: Mon, 12 Apr 2021 05:23 PM (IST)
पंजगाठड़ा मेले में आज शाही स्नान करेगी संगत
पंजगाठड़ा मेले में आज शाही स्नान करेगी संगत

जागरण संवाददाता, नंगल: बैसाखी पर नंगल में दशकों से लगते आ रहे बिभोर साहिब के पंजगाठड़ा मेले में आज लोग पहुंच कर शाही स्नान करेंगे। हालांकि इस बार कोरोना संक्रमण का खतरा भी बरकरार है, फिर भी यहां दुकानदारों ने एडवाइजरी की पालना को गंभीरता से लेते हुए अपनी दुकानें सजानी शुरू कर दी हैं। मेले का मुख्य आकर्षण मानी जाती झील में बोटिंग के लिए भी मोटर बोट भी तैयार है।

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बता दें कि पांडवों के अज्ञातवास के समय से ही पंजगाठड़ा मेला का अहम महत्व है। परंपराओं के अनुसार ऐसा मानना है कि अज्ञातवास के दौरान पांडव सतलुज किनारे इसी इलाके में आकर रुके थे। उस समय यहां घने जंगल हुआ करते थे। दरिया किनारे बड़े-बड़े पांच गिटे यानि पत्थरों से पांडवों के बलशाली माने जाते भाई भीम पत्थरों से खेला करते थे। इन पत्थरों में से एक गोल पत्थर अब भी यहां मौजूद है, जो मेले में हजारों लोगों का मुख्य आकर्षण होता है। पंजगाठड़ा यानि पांच गिटे (पांच पत्थर) के नाम पर ही यहां सदियों से पंजगाठड़ा मेला लगता आ रहा है। बिभोर साहिब के राम कुमार सहोड़ बताते हैं कि पांडवों के जमाने का यह पत्थर अब भी स्नान घाट के साथ संरक्षित रखा गया है। प्राचीन समय से यहां बैसाखी पर लगते आए पंजगाठड़ा मेला में पंजाब तथा हिमाचल के करीब 200 गांवों से अधिक लोग यहां स्नान करने आते हैं। इस बार बोटिंग के लगेंगे 50 रुपये तीन दिन तक चलने वाले इस मेले में आने वाले लोगों को इस बार बोटिंग करने के ज्यादा दाम चुकाने पड़ेंगे, क्योंकि महंगे हो चुके तेल व अन्य खर्चो के कारण बोटिंग का किराया 50 रुपए कर दिया गया है। बैसाखी पर पंजाब व हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना व बिलासपुर के काफी गांवों के लोग पारंपरिक मेले में आकर बैसाखी पर्व का आनंद उठाने के साथ-साथ ब्रह्मा जी के प्राचीन मंदिर ब्रह्महुति में भी श्रद्धापूर्वक स्नान करते हैं। आज होगी वरुण देव की पूजा

फोटो 12 एनजीएल 04 में है।

दरिया किनारे स्थित गरीब नवाज के मंदिर में बैसाखी को समर्पित कार्यक्रम आज शुरू होगा। मंदिर के संचालक अशोक कुमार ने बताया कि 14 अप्रैल को गरीब नवाज का बेड़ा विसर्जित करके गुणगान किया जाएगा। इसके बाद दिन भर पंजाब के जाने माने कलाकार, नृत्यांगना तथा कव्वाल देर रात तक गरीब नवाज के दरबार में अपना प्रोग्राम पेश करेंगे। सूर्यास्त के समय सतलुज में विसर्जित किए जाने वाले बेड़ा तैयार कर रहे मंगल सिंह ने बताया कि इस बार ख्वाजा जी का बेड़ा मुख्य आकर्षण होगा।


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