अहंकार व स्वार्थ से दूर रहकर समर्पण की भावना से करें समाजसेवा
लोक कल्याण के मकसद से प्रीत नगर में जारी शिव महापुराण कथा के धार्मिक कार्यक्रम के पांचवें बुधवार को हिमाचल के अलसु गांव के संजय शास्त्री जी महाराज ने प्रवचनों की अमृत गंगा बहाते हुए कहा कि भक्ति में इतनी शक्ति है कि प्राणी दुखों में भी सुख जैसी अनुभूति करता है। सदैव प्रभु चरणों में लीन रह कर जीवन यापन करना चाहिए। शास्त्री जी ने कहा कि जीवन में यह प्रयास करना चाहिए कि कभी भी किसी का बुरा करके अपना फायदा न किया जाए।
जागरण संवाददाता, नंगल: लोक कल्याण के मकसद से प्रीत नगर में जारी शिव महापुराण कथा के धार्मिक कार्यक्रम के पांचवें बुधवार को हिमाचल के अलसु गांव के संजय शास्त्री जी महाराज ने प्रवचनों की अमृत गंगा बहाते हुए कहा कि भक्ति में इतनी शक्ति है कि प्राणी दुखों में भी सुख जैसी अनुभूति करता है। सदैव प्रभु चरणों में लीन रह कर जीवन यापन करना चाहिए। शास्त्री जी ने कहा कि जीवन में यह प्रयास करना चाहिए कि कभी भी किसी का बुरा करके अपना फायदा न किया जाए। ऐसा करने वालों को आखिरकार पछताना ही पड़ता है। जो प्राणी जीवन में स्वार्थ के रास्ते पर चलता है वह कभी भी प्रभु कृपा का पात्र नहीं बन सकता। समाज में जरूरतमंदों की मदद के साथ-साथ बेहतरी के लिए किए जा रहे प्रयासों में अधिक से अधिक योगदान देने की प्रेरणा देते हुए उन्होंने कहा कि मनुष्य को हमेशा स्वार्थ, अहंकार व किसी का बुरा करने की भावना का त्याग करके समर्पण के रास्ते पर चलना चाहिए। ऐसे प्रयास किए जाने चाहिए जिससे समाज का हर व्यक्ति सुखद महसूस करे। जनमानस की सेवा ही हर नागरिक के मुख्य कर्तव्यों में शामिल होनी चाहिए। इस अवसर पर एडवोकेट राकेश बाली, अमित कौशल, राकेश मेहता, अनिल शास्त्री, राम पाल पाली, शिव कुमार शर्मा, मुनीष वशिष्ट, प्रभलीन, वीरेंद्र बाली, धर्म पाल बंसल, शिव कुमार जसवाल, राकेश कुमार, किशोरी लाल, विनय ग्रोवर, योगाचार्य आरएस राणा, राकेश लखनपाल, कमल किशोर कौशल आदि भी मौजूद थे।