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ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत में चलेगा अवैध माइनिंग का केस

तीन सालों से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष एडवोकेट दिनेश चड्ढा की अवैध माइनिग के खिलाफ व माइनिग के लिए आरोपित ठेकेदारों से 632 करोड़ रुपये की रिकवरी को लेकर लड़ी जा रही कानूनी लड़ाई निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 01 Apr 2021 03:00 PM (IST)Updated: Thu, 01 Apr 2021 10:21 PM (IST)
ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत में चलेगा अवैध माइनिंग का केस
ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत में चलेगा अवैध माइनिंग का केस

संवाद सहयोगी, रूपनगर: तीन सालों से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष एडवोकेट दिनेश चड्ढा की अवैध माइनिग के खिलाफ व माइनिग के लिए आरोपित ठेकेदारों से 632 करोड़ रुपये की रिकवरी को लेकर लड़ी जा रही कानूनी लड़ाई निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। इस मामले में एनजीटी के जारी आदेशों के अनुसार कार्रवाई न करने वाले विभिन्न अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई किए जाने का रास्ता साफ हो गया है। उल्लेखनीय है कि एडवोकेट दिनेश चड्ढा ने एनजीटी के पास दिसंबर 2018 दौरान जिले में अवैध माइनिग रोके जाने के साथ माइनिग के लिए जिम्मेदार ठेकेदारों से रिकवरी किए जाने को लेकर पटीशन दायर की थी। इसके बाद एनजीटी की गठित कमेटी ने जिले का दौरा कर एनजीटी समक्ष अपनी रिपोर्ट पेश की थी, जिसके आधार पर एनजीटी ने कार्रवाई करने के लिए कहा था। उसके बाद भी इस मामले में जब कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो एनजीटी ने दोबारा जुलाई 2020 के दौरान जिम्मेदार ठेकेदारों से 632 करोड़ रुपये की रिकवरी करने के साथ अवैध माइनिग रोकने के लिए नीति बनाए जाने की हिदायत जारी की थी। इन हिदायतों के बाद भी माइनिंग रुकना तो दूर, 632 करोड़ रुपये की वसूली भी नहीं हुई। इसके बाद अब जिम्मदार अधिकारियों में मुख्य सचिव पंजाब सहित सेक्रेटरी इंड्स्ट्री, सेक्रेटरी माइनिग, डिप्टी कमिश्नर व चेयरमैन प्रदूषण बोर्ड के संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करवाने के लिए पटीशनकर्ता को ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट के पास पहुंच करने को कह दिया है। एनजीटी ने अपने आदेशों में स्पष्ट किया है कि हालांकि एनजीटी के आदेशों का उल्लंघन करने पर तीन साल की सजा व दस करोड़ रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है, लेकिन इसके लिए ट्रायल ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत में ही बनता है।

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एनजीटी के जारी निर्देशों बारे पुष्टि करते हुए दिनेश चड्ढा ने कहा कि पिछले तीन साल से लड़ी जा रही कानूनी लड़ाई अब अंतिम दौर में पहुंच गई है। इसी कानूनी लड़ाई में पहली बार जिले में तीन खड्डों के ठेके रद्द होने के साथ ठेकेदारों पर जुर्माना भी हुआ। एनजीटी की हिदायतों के अनुसार अब जल्द ही ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट के पास अगली प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस मौके उनके साथ जिला सरपरस्त भाग सिंह मदान सहित संतोख सिंह वालिया, जिला मीडिया प्रभारी सुदीप विज, जसविदर कौर शाही, कैप्टन गुरनाम सिंह, ऊषा रानी, जसवीर सिंह, गौरव कपूर, दविदर सिंह आदि हाजिर थे।


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