Move to Jagran APP

डर के साए में काटी रात, सुबह होते ही पहुंचे बुधकी नदी के बांध पर

बारिश से खैराबाद फूल खुर्द फूल कलां और रोड़ूआणा गांव के लोगों की रात की नींद उड़ गई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Sep 2019 10:36 PM (IST)Updated: Fri, 06 Sep 2019 06:47 AM (IST)
डर के साए में काटी रात, सुबह होते ही पहुंचे बुधकी नदी के बांध पर
डर के साए में काटी रात, सुबह होते ही पहुंचे बुधकी नदी के बांध पर

जागरण संवाददाता, रूपनगर: बुधवार देर रात हुई बारिश से खैराबाद, फूल खुर्द, फूल कलां और रोड़ूआणा गांव के लोगों की रात की नींद उड़ गई। लोग रातभर जागते रहे और तड़के ही बुधकी नदी के बांध पर पहुंच गए, जहां 18 अगस्त को दरार पड़ने के बाद बाढ़ आई थी। बारिश के पानी से बांध पर डाली गई मिट्टी बहती देख गांववासियों की चिताएं और बढ़ गई हैं। गांव के लोगों ने जिला प्रशासन के मोबाइल पर घंटियां खड़का दीं। गांववासियों में इस बात को लेकर रोष है कि बाढ़ आए 17 दिन बीत जाने के बाद भी प्रशासन ऐसी व्यवस्था नहीं बना पाया कि गांव के लोग सुकून की नींद सो सकें। खैराबाद के सरपंच तरलोचन सिंह, गुरदेव सिंह फूल खुर्द, सुखदेव सिंह, गुरविदर खैराबाद, गुरनाम सिंह खैराबाद, भूपिदर सिंह ने कहा कि जो बांध 18 अगस्त को टूटा था वो करीब 80-90 फीट चौड़ा था, लेकिन प्रशासन ने अब जो बांध बनाया है, वो 25-30 फीट है और अभी मिट्टी गीली है। बुधवार रात को बरसाती नदी में आए बरसात का पानी बांध के लगभग बराबर होकर गुजरा। अगर रात के किसी समय बाढ़ दोबारा आती है, तो फिर से गांव के लोगों की जिदगी दांव पर लग जाएगी। लोगों ने कहा कि जितना चौड़ा बांध टूटा है उसे उतना ही चौड़ा बनाया जाए। बांध में नदी वाले हिस्से में स्टड लगाए जाएं, ताकि पानी दोबारा मार न कर पाए। मौके पर प्रशासन की ओर से पोकलेन मशीन लगाकर बांध के ऊपर बारिश की वजह से बही मिट्टी को भरा जा रहा था। खेती योग्य जमीन का हुआ था नुकसान

loksabha election banner

18 अगस्त को बुधकी नदी का धुस्सी बांध का करीब 200 फीट से ज्यादा हिस्सा टूट गया था और पानी खैराबाद, फूल खुर्द, फूल कलां, रोडूआणा में लोगों के घरों में पांच- पांच फीट तक भर गया था। यही आगे आइआइटी रूपनगर में दाखिल हो गया था, जिससे करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ था। दस दिन तक लोग अपने घरों में सफाई नहीं कर पाए, क्योंकि बरसाती नदी के पानी की मिट्टी घरों में भर गई थी। तब बाढ़ में से लोगों को एनडीआरएफ, शेर ए पंजाब यूथ क्लब और हरविदर सिंह किश्ती वाले ने मोटर बोट और ट्रैक्टर ट्रालों से निकाला था। गांववासियों ने बताया कि इससे पहले 1994 में भी बांध यहीं से टूटा था। तब खेती योग्य जमीन का ही नुकसान हुआ था। चो का पानी हो रहा इकट्ठा गांववासियों ने बताया कि बांध की इस तरफ भी काफी गहराई में पानी खड़ा हो गया है। बांध की दाई ओर से एक चो आता है , जिसका पानी यहां इकट्ठा हो रहा है। चो में गौशाला की तरफ से पानी आता है। गांव के लोग इस पानी को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। इस चो के पानी से भी खेती योग्य जमीन को नुकसान हुआ है।

कुछेक बिना वजह डर का माहौल बना रहे हैं

वहीं ड्रेनेज विभाग रूपनगर के एक्सईएन रूपिदर सिंह पाबला ने कहा कि गांव के कुछेक लोग बिना मतलब से डर का माहौल बना रहे हैं, जबकि यहां कुछ भी खतरा नहीं है। बांध को मजबूत बनाया जा रहा है और ये काम 18 अगस्त से ही जारी है। मशीनरी लगातार लगी हुई है। बांध उतना ही चौड़ा बनाया जाएगा, जितना वो पहले था। गांव के लोग किसी तरह के वहम में न रहें। गांववासियों की मांग के मुताबिक बांध को मजबूत बनाएंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.