Move to Jagran APP

अवैध खनन संबंधी तीन हफ्ते में जवाब दे प्रदेश सरकार

पंजाब में रेत व बजरी के अवैध धंधे पर ब्रेक लग गई है। पिछले शुक्रवार से लगभग पूरे पंजाब में खनन का काम बिलकुल बंद पड़ा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Apr 2021 10:49 PM (IST)Updated: Tue, 20 Apr 2021 10:49 PM (IST)
अवैध खनन संबंधी तीन हफ्ते में जवाब दे प्रदेश सरकार
अवैध खनन संबंधी तीन हफ्ते में जवाब दे प्रदेश सरकार

संवाद सूत्र, घनौली: पंजाब में रेत व बजरी के अवैध धंधे पर ब्रेक लग गई है। पिछले शुक्रवार से लगभग पूरे पंजाब में खनन का काम बिलकुल बंद पड़ा है। कच्चा माल न मिलने की वजह से स्टोन क्रशरों पर पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है। पुलिस ने यह सख्ती बचित्तर सिंह जटाना द्वारा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर किए एक केस के संबंध में अदालत की ओर से गैर कानूनी खनन संबंधी पंजाब सरकार से तीन सप्ताह में जवाब मांगे जाने के बाद की है। जटाना ने सुप्रीम कोर्ट में पटीशन दाखिल करएनजीटी के आदेशों का विरोध करते हुए कहा क एनजीटी ने अपने आदेशों में माना है कि पंजाब में बड़े स्तर पर गैर कानूनी खनन किया गया है, पर एनजीटी ने आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई करने या गैर कानूनी खनन पर तुरंत रोक लगाने की बजाय पंजाब सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह गैर कानूनी खनन की समस्या से निपटने के लिए उचित नियम बनाए। अब नई दायर की याचिका पर 16 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से तीन सप्ताह के अंदर इस संबंधी जवाब मांगा है । इससे पहले जटाना ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में केस दायर कर दावा किया था कि रूपनगर जिले में रायल्टी के नाम पर गुंडा टैक्स वसूला जा रहा है। इस संबंधी अदालत ने ज्यूडीशियल अधिकारी से जांच करवाकर आरोप सही पाए जाने उपरांत इस केस की जांच सीबीआइ को सौंप दी गई थी, जिसके उपरांत लंबे समय खनन का काम बंद रहा था। बाद में अदालत ने सीबीआइ से जांच का काम वापस लेकर पंजाब सरकार को खुद ही जांच करवाने के आदेश दिए थे।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.