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बढ़ते दामों के बीच गैस सिलेंडर भरवाने से किया किनारा , लकड़ी के चूल्हे का लिया सहारा

उज्जवला योजना लोगों का वर्तमान उतना उज्जवल नहीं कर पाई जितना इससे उम्मीद की थी। स्पष्ट शब्दों में कहा जा सकता है कि लोग महंगाई की मार और इस योजना के प्रति उदासीन रवैये के बीच इसका लाभ लेने से वंचित रह गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 05:02 AM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 05:02 AM (IST)
बढ़ते दामों के बीच गैस सिलेंडर भरवाने से किया किनारा , लकड़ी के चूल्हे का लिया सहारा
बढ़ते दामों के बीच गैस सिलेंडर भरवाने से किया किनारा , लकड़ी के चूल्हे का लिया सहारा

जागरण संवाददाता, रूपनगर: उज्जवला योजना लोगों का वर्तमान उतना उज्जवल नहीं कर पाई, जितना इससे उम्मीद की थी। स्पष्ट शब्दों में कहा जा सकता है कि लोग महंगाई की मार और इस योजना के प्रति उदासीन रवैये के बीच इसका लाभ लेने से वंचित रह गए हैं। लोगों के घरों में एलपीजी सिलेंडर खाली होने के बाद एक कोने में पड़े हैं और लोग लकड़ी का इस्तेमाल चूल्हे में ईंधन के रूप में कर रहे हैं।

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स्वास्थ्य ईंधन बेहतर जीवन के नारे के साथ केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की शुरुआत की थी, जिसके तहत बीपीएल कार्ड धारकों को एलपीजी गैस कनेक्शन लेने के लिए सहयोग राशि की आर्थिक सहायता प्रदान की गई थी। बीपीएल कार्डधारकों को इस योजना के तहत सिलेंडर भरवाने और चूल्हा खरीदने पर भुगतान किश्तों में करने का विकल्प दिया जाता था। सामाजिक कल्याण के लिए बनाई गई इस योजना के तहत धुआं रहित ग्रामीण भारत की परिकल्पना की थी। इसके बाद इस योजना के तहत बेशक लोगों ने लाभ उठाकर एलपीजी गैस सिलेंडर का कनेक्शन तो ले लिया, लेकिन आर्थिक तंगी की मार झेल रहे लोगों को इस समय सिलेंडर रिफिल करवाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। गैस का दाम बढ़ने के बाद अधिकतर लोगों ने सिलेंडर नहीं भरवाया है व पहले की तरह चूल्हा जलाकर भोजन पकाया जा रहा है । राजविदर सिंह, शाम सिंह और कुलजिदर कौर ने कहा कि आज की तिथि में गैस के दाम बढ़कर 836 हो गए हैं, जो उनकी क्षमता से बाहर है। इसके चलते उन्होंने गैस को न इस्तेमाल करने का फैसला लिया है। बेशक इस योजना के शुरुआत के समय उनका जीवन सरल हुआ था व गैस के दाम भी ठीक थे। वह पहले गैस सिलेंडर भरवा लेते थे, लेकिन धीरे-धीरे दामों में बढ़ोतरी हो रही है। इसी कारण वह सिलेंडर भरवाने में असमर्थ है। वहीं कीरतपुर साहिब गैस एजेंसी के मालिक रविदर चेची ने बताया के वह समय-समय पर उपभोक्ताओं को जागरूक करते हैं कि गैस सिलेंडर भरवाएं। अधिकतर लोग सिलेंडर भरवा भी रहे है, पर कुछ ने इससे किनारा भी कर लिया है।

मेरी पुत्रवधू के नाम पर उज्जवला का कनेक्शन है, लेकिन सिलेंडर खाली हो गया और उन्होंने दोबारा उसे भरवाया नहीं। सिलेंडर के दाम बढ़ गए हैं। आमदनी इतनी नहीं है कि सिलेंडर हर बार भरवाया जा सके।

रेशमा, गृहणी


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