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दावों- वादों में उजड़ गया पिकाशिया टूरिस्ट कांप्लेक्स

दावे दौरे और आश्वासनों के बीच रूपनगर की शान कहे जाने वाला पिकाशिया टूरिस्ट कांप्लेक्स (बोट क्लब) लोगों के लिए स्वपन बनकर ही रह गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Aug 2021 08:43 PM (IST)Updated: Mon, 30 Aug 2021 08:43 PM (IST)
दावों- वादों में उजड़ गया पिकाशिया टूरिस्ट कांप्लेक्स

जागरण संवाददाता, रूपनगर: दावे, दौरे और आश्वासनों के बीच रूपनगर की शान कहे जाने वाला पिकाशिया टूरिस्ट कांप्लेक्स (बोट क्लब) लोगों के लिए स्वपन बनकर ही रह गया। तत्कालीन अकाली-भाजपा सरकार के कार्यकाल में ऐसा रूपनगर वासियों से टूरिस्ट कांप्लेक्स छीना गया कि दोबारा उसकी क्षतिपूर्ति नहीं हो पाई।

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कभी देश- विदेश के सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहे और मंत्रियों से लेकर आम व्यक्ति तक के लिए इस कांप्लेक्स में दरिया के सामने बैठकर चाय की चुस्कियां लेने का मजा याद करके लोग सरकारों को कोसते हैं। 2009 में अकाली- भाजपा गठजोड़ सरकार की ऐसी नजर पड़ी कि लाखों रुपये कमाने वाले इस कांप्लेक्स को प्राइवेट हाथों में देकर तीन तारा होटल बनाने का सपना देखा गया। एलकेमिस्ट कंपनी जिसने ये प्रोजेक्ट बनाना था, ने प्रोजेक्ट को लेकर अपने हाथ पीछे खींच लिए। समय पर काम शुरू न होने पर सरकार ने साइट अपने कब्जे में ले ली, लेकिन उसके बाद आज तक इस पर कोई भी कार्रवाई नहीं हुई। पूर्व राष्ट्रपति और मुख्य मंत्री ज्ञानी जेल सिंह ने 1972 से 77 तक के कार्यकाल दौरान पिकाशिया टूरिस्ट कांप्लेक्स बनवाया था। इसकी खासियत ये थी कि टूरिज्म विभाग ने सैलानियों के लिए सतलुज दरिया की झील में मनमोहक नजारों का आनंद लेने व खेल विभाग ने बोटिग का प्रबंध भी किया हुआ था। इस कांप्लेक्स से टूरिज्म विभाग को हरेक माह 12 -13 लाख के करीब होने वाली आमदन भी बंद हो गई है। वहां कांप्लैक्स में नौकरी कर रहे करीब 40 मुलाजिमों को खाली कर दिया गया। अब इस स्थान पर आलम यह बन गया है कि आवारा और नशेड़ी किस्म के लोग आम घूमते देखे जा सकते हैं। कैप्टन सरकार भी देती रही आश्वासन इलाका निवासी और उनके रिश्तेदार या छुट्टियों के दिनों में आने वाले सैलानी अपने परिवारों समेत सतलुज दरिया किनारे सैर करने के साथ यहां ठहर कर कुदरती नजारों का आनंद लेते थे। कैप्टन अमरिदर सिंह की कांग्रेस सरकार साढ़े चार साल बीत जाने के बावजूद रूपनगर में टूरिज्म को प्रोत्साहन देने के लिए और पिकाशिया टूरिस्ट कांप्लेक्स स्थान पर नया होटल बनाने के लिए कोई कदम नहीं उठा सकी। कई आए और कई गए, किया कुछ नहीं जब कांग्रेस सरकार बनी, तो शुरुआती महीनों में स्थानीय सरकारें, सैर सपाटा विभाग के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कांप्लेक्स की साइट का दौरा किया था। सिद्धू ने छह माह में इसे दोबारा बनाने का आश्वासन दिलाया था। फिर सिद्धू के मंत्रालय छोड़ने के बाद श्री चमकौर साहिब के विधायक चरनजीत सिंह चन्नी के पास ये सैर सपाटा विभाग आ गया। चन्नी ने भी यहां के दौरे किए और कई दावे किए, लेकिन ये दावे अभी तक वफा नहीं हो पाए। सरकार गंभीर नहीं: संदोआ

रूपनगर के विधायक अरमजीत सिंह संदोआ ने कहा कि सरकार के एजेंडा विकास नहीं विनाश है। लाखों रुपये कमाने वाले पिकाशिया होटल को बंद कर टूरिज्म को घाटा डाला और दूसरा काम कर रहे मुलाजिमों को अपने नौकरी से खाली होना पड़ा। इसकी कसूरवार तो अकाली सरकार है, लेकिन कांग्रेस सरकार ने भी सिर्फ झूठे वादे ही किए हैं।

2009 में सरकार की लाखों रुपये कमाने वाले पिकशिया होटल की जगह थ्री स्टार होटल बनाने की योजना फ्लाप साबित हुई है। कांग्रेस सरकार के मंत्री भी यहां का कई बार दौरा कर गए, पर बात फाइलों तक सीमित रही। कांप्लेक्स के आम के बागीचे की दीवार तोड़कर नहरी विभाग के ठेकेदार ने नाजायज तौर पर गाड़ियां खड़ी करने के लिए कब्जा किया हुआ है। इसकी मुख्य डायरेक्टर टूरिज्म को शिकायत भी की हुई है। इसका अभी तक कोई जवाब नहीं मिला।

सुरजीत सिंह सैनी प्रधान, पंजाब टूरिज्म कर्मचारी दल


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