भाजपा के लक्की सेवन दावेदारों में कौन होगा लक्की
आगामी 20 फरवरी को होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी श्री आनंदपुर साहिब विधानसभा क्षेत्र से अपना प्रत्याशी अभी तक घोषित नहीं कर पाई है। कांग्रेस आम आदमी पार्टी तथा अकाली दल व बहुजन समाज पार्टी गठबंधन अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर चुका है।
सुभाष शर्मा, नंगल: आगामी 20 फरवरी को होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी श्री आनंदपुर साहिब विधानसभा क्षेत्र से अपना प्रत्याशी अभी तक घोषित नहीं कर पाई है। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी तथा अकाली दल व बहुजन समाज पार्टी गठबंधन अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर चुका है। इनके प्रत्याशियों ने अपना प्रचार शुरू भी कर दिया है, पर भाजपा के चुनाव प्रचार का कहीं नामोनिशान भी नजर नहीं आ रहा है। भाजपा में दावेदारों की लंबी सूची के चलते इलाके में भाजपा के प्रत्याशी का नाम सुनने को लेकर लोगों में बड़ी उत्सुकता पाई जा रही है। बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में भी देरी से प्रत्याशी घोषित होने के चलते भाजपा के प्रत्याशी डा. परमिदर शर्मा कम समय होने के कारण ज्यादा लोगों तक संपर्क साध न पाने के कारण चुनाव में पराजित हो गए थे। हालांकि डा. परमिदर शर्मा को 36919 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी राणा केपी सिंह को 60800 वोट पड़े थे। इस बार भी यदि भाजपा के प्रत्याशी की घोषणा जल्द नहीं होती, तो भाजपा का जनसंपर्क अभियान प्रभावित हो सकता है।
बता दें कि इस बार टिकट के दावेदारों की संख्या लक्की सेवन यानि सात है। जिला भाजपा अध्यक्ष जितेंद्र सिंह अठवाल के अलावा पिछली बार चुनाव लड़े डा परमिदर शर्मा, नंगल भाजपा के प्रधान एवं 100 करोड़ के बजट वाली नगर कौंसिल नंगल के पूर्व प्रधान एवं पार्षद राजेश चौधरी, पूर्व केबिनेट मंत्री मदन मोहन मित्तल के बेटे अरविद मित्तल सहित समाजसेवी संस्था जन जागरण मंच के कोआर्डिनेटर एवं नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड नंगल इकाई के बीएमएस लीडर राकेश शर्मा पम्मी भी प्रबल दावेदारों में शामिल है। इनके अलावा ब्राह्मण सभा के जिला प्रधान बलराम पराशर तथा प्रतीक आहलूवालिया के नाम टिकट के दावेदारों में शामिल बताए जा रहे हैं। हालांकि भाजपा में टिकट का आवेदन करना तथा प्रांतीय हाईकमान की ओर से प्रत्याशी चयन के लिए दावेदारों का पैनल बनाने का कोई नियम नहीं है , फिर भी अप्रत्यक्ष रूप से टिकट के लिए सक्रियता दिखाते हुए दावेदार हाईकमान की नजर में खुद को प्रत्याशी के रूप में प्रस्तुत करने की कोशिश कर रहे हैं। लंबे समय से इलाके के जनहित के मुद्दों के लिए आवाज बुलंद करने तथा विपक्ष पर ताबड़तोड़ आरोप लगाकर उक्त दावेदार अप्रत्यक्ष रूप से खुद को प्रत्याशी के तौर पर प्रोजेक्ट भी कर चुके हैं, लेकिन अभी तक उनकी टिकट प्राप्त करने की मंशा पूरी नहीं हो सकी है। दावेदारों में चिता है कि यदि प्रत्याशियों की घोषणा जल्द नहीं होती, तो श्री आनंदपुर साहिब विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की ओर से पांचवीं बार प्रत्याशी बनाए गए सशक्त उम्मीदवार (पंजाब विधानसभा के स्पीकर ) राणा केपी सिंह के आगे जीत हासिल करना बेहद मुश्किल भरा साबित हो सकता है। कहा जा सकता है कि भाजपा की ओर से प्रत्याशी घोषित न किए जाने को लेकर अब तक चुनाव प्रचार को लेकर बहुत काम होना बाकी है। इसे भाजपा के लिए राहत ही कहा जा सकता है कि मतदान की तिथि 20 फरवरी तक हो जाने के कारण इस बार भाजपा प्रत्याशी जनता के आगे खुद को सही साबित करने के अपने प्रयासों को सफल बना सकता है।