सभी गुरुओं ने दी इंसानियत की शिक्षा
जागरण संवाददाता, नंगल: शहर की दोबेटा कॉलोनी में आयोजित सत्संग कार्यक्रम में भक्तजनों का मार्गदर्
जागरण संवाददाता, नंगल:
शहर की दोबेटा कॉलोनी में आयोजित सत्संग कार्यक्रम में भक्तजनों का मार्गदर्शन करते हुए निरंकारी मिशन के केंद्रीय प्रचारक विनोद भाटिया ने कहा कि मनुष्य का शरीर वेदों शास्त्रों के मुताबिक 84 लाख योनियों का आखरी पड़ाव है। यह एक मौका परमात्मा की तरफ से होता है, ताकि जीव अपने निज स्वरूप की पहचान कर जन्म -मरण के बंधन से मुक्त हो सकता है। वेदों ग्रंथों के मुताबिक हम सब एक परमात्मा की ही संतान हैं और इस एक को जाने बिना विश्व बंधुत्व की भावना स्थापित नहीं हो सकती। सभी गुरु, पीर, पैगंबरो ने केवल इंसानियत की शिक्षा दी है। परंतु मानवता हमारे जीवन में तभी प्रवेश करती है जब हम एक परमात्मा की शरण में आ जाते हैं। उन्होंने कहा कि जैसे हम किसी भौतिक वस्तु को प्राप्त करके ही हम संतुष्ट होते हैं। इसी तरह परमात्मा को केवल नाम से जानकर ही नहीं बल्कि इसको प्राप्त करके ही चिर स्थायी आनंद की अनुभूति की जा सकती है। परमात्मा जिसे हरी अर्थात हर जगह भी कहा जाता है, को जो तत्व से जान लेता है, वह आवागमन के चक्कर से निजात पा लेता है।
उन्होंने कहा कि आज सतगुरु माता सविंदर हरदेव जी की कृपा से हर जगह इन सत्संग प्रोग्रामों के जरिये यह आवाज़ दी जा रही है कि परमात्मा को जाना जा सकता है और यही मनुष्य जन्म का मुख्य उद्देश्य भी है। सत्संग, सेवा, सिमरण के द्वारा जो कमाई इंसान करता है वह ही अंत समय साथ जाती है। इस लिए समय रहते मनुष्य को अपने मूल रूप की पहचान कर लेनी चाहिए। जब यह आत्मा परमात्मा की पहचान कर लेती है तो यह परमात्मा से अभेद हो जाती है। उन्होंने कहा कि आज संत निरंकारी मिशन स्पष्ट रूप में यह बात कहता है कि परमात्मा को जाना जा सकता है तथा सदगुरु की कृपा से ही इसकी पहचान होती है। इस मौके पर ब्राच मुखी कश्मीरी लाल सरोया, संचालक विनोद कुमार, शिक्षक मनजिंदर कुमार, सहायक संचालिका बहन मनजीत, शिक्षिका सुनीता गुलाटी सहित भारी संख्या में भक्तजन मौजूद थे।