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दम तोड़ चुके 80 कर्मचारियों के एक भी आश्रित को अभी तक नहीं मिली आर्थिक मदद

भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड की ओर से पिछले साल गठित बीबीएमबी इंप्लाइज फैमिली सपोर्ट फंड के अंतर्गत मरणोपरात कर्मचारियों को मिलने वाली सहायता पर बीबीएमबी फील्ड इंप्लाइज यूनियन सीटू ने सवाल उठाए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 May 2021 12:04 AM (IST)Updated: Sun, 09 May 2021 12:04 AM (IST)
दम तोड़ चुके 80 कर्मचारियों के एक भी आश्रित को अभी तक नहीं मिली आर्थिक मदद
दम तोड़ चुके 80 कर्मचारियों के एक भी आश्रित को अभी तक नहीं मिली आर्थिक मदद

जागरण संवाददाता, नंगल : भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड की ओर से पिछले साल गठित बीबीएमबी इंप्लाइज फैमिली सपोर्ट फंड के अंतर्गत मरणोपरात कर्मचारियों को मिलने वाली सहायता पर बीबीएमबी फील्ड इंप्लाइज यूनियन सीटू ने सवाल उठाए हैं। यूनियन ने कहा कि अफसोसजनक है कि इस फंड के अंतर्गत अभी तक किसी भी कर्मचारी की मौत के बाद उसके परिवार को कोई सहायता नहीं मिली है। यूनियन के प्रधान विनोद भट्टी ने शनिवार को बैठक के दौरान व्यवस्था पर दुख व चिंता व्यक्त की। यूनियन के प्रेस सचिव प्राणनाथ ने बताया कि सीटू की ओर से की गई इस आपात बैठक का मकसद मर रहे कर्मचारियों के परिजनों को आर्थिक सहायता प्रदान करवाना है। उन्होंने कहा कि जब 23 जुलाई 2020 को बीबीएमबी में फैमिली सपोर्ट फंड गठित किया गया था तब यह बताया गया था कि अचानक मृत्यु होने पर कर्मचारी के परिवार को एक लाख की सहायता व दुर्घटना से मृत्यु होने पर पाच लाख की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। आज तक लगभग 80 के करीब बीबीएमबी में काम कर रहे कर्मचारियों की मौत हो चुकी है। इनमें से किसी एक कर्मचारी के आश्रित को कोई सहायता नहीं मिल पाई है जो सरासर अन्यायपूर्ण है।

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उन्होंने माग उठाई कि बीबीएमबी के अध्यक्ष व अन्य उच्च अधिकारी जल्द संस्था के राहत कार्यक्रम की समीक्षा करके प्रभावित कर्मचारियों को जरूर सहायता प्रदान करवाएं। सीटू ने बीबीएमबी परियोजना के तीनों प्रोजेक्ट नंगल, तलवाड़ा, सुंदर नगर में संचालित बोर्ड के अस्पतालों में जरूरी डाक्टरों, फार्मासिस्ट, क्लास फोर और नर्सिंग स्टाफ की कमी को दूर करने की माग उठाते हुए कहा कि बीबीएमबी अस्पताल में दवाइयों की कमी पूरी की जाए साथ ही अल्ट्रासाउंड सुविधा भी जल्द शुरू की जानी चाहिए। अल्ट्रासाउंड डिजिटल एक्स रे, लेबोरेट्री में टेस्टों की कमी के कारण कर्मचारियों को मजबूरन प्राइवेट अस्पतालों में जाना पड़ रहा है जहा वे लूट का शिकार हो रहे हैं। बैठक में सीटों पर जगदेव सिंह, राजा सिंह, अजय कुमार, राजेश कुमार, राजीव कुमार आदि भी मौजूद थे। एनएफएल व एनटीपीसी की तर्ज पर मिले कैशलेस चिकित्सा सुविधा

सीटू ने कहा कि भारत सरकार के उपक्रमों एनएफएल, एनटीपीसी व हरियाणा सरकार व इंडियन रेलवे अपने प्रत्येक कर्मचारी व अधिकारी को कैशलेस चिकित्सा सुविधा प्रदान करती है। उसी तर्ज पर बीबीएमबी भी अपने पैनल पर आठ से 10 बढि़या अस्पतालों को लेकर कर्मचारियों को कैशलेस सुविधा उपलब्ध करवाए। नंगल के डाक्टरों को दिल्ली भेजने का किया विरोध

एनटीपीसी की ओर से दिल्ली में चलाए जा रहे अपने अस्पताल के लिए नंगल के डाक्टरों को भेजने का कड़ा विरोध करते हुए इस फैसले को रद करने की माग भी सीटू ने उठाई है। उन्होंने कहा कि भाखड़ा बाध संवेदनशील प्रोजेक्टों की श्रेणी में आता है। इसलिए यहा चिकित्सा सुविधाओं से छेड़छाड़ व खिलवाड़ करना ठीक नहीं है। पहले ही बीबीएमबी के सभी अस्पताल डाक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ की कमी से जरूरत के अनुसार सेवाएं प्रदान नहीं कर पा रहे हैं। प्रोजेक्ट पर आपातकाल के दौरान डाक्टरों की मौजूदगी बेहद जरूरी है। इसलिए दिल्ली में नंगल के डाक्टरों को ना भेजा जाए।


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