17 दिन बाद भी कैद नहीं हो सका है तेंदुआ, दहशत
नंगल नया नंगल क्षेत्र में पहुंच चुके तेंदुए की वजह से दहशत बरकरार है।
जागरण संवाददाता, नंगल : नया नंगल क्षेत्र में पहुंच चुके तेंदुए की वजह से दहशत बरकरार है। सत्रह दिन बाद भी तेंदुआ वन्य प्राणी विभाग की ओर से लगाए गए पिंजरे में कैद नहीं हो पाया है। आए दिन जैसे ही तेंदुआ कहीं दिख रहा है, तभी लोगों में दहशत और बढ़ रही है। सबसे पहले तेंदुआ एनएफएल नंगल इकाई के अस्पताल के पास चार मई को एक मंदिर के निकट देखा गया था। उसके बाद से अलग-अलग जगहों पर तेंदुआ लोगों की ओर से देखा जा चुका है। गत शनिवार रात्रि भी सेक्टर दो व राष्ट्रीय उच्च मार्ग के मध्य खंडहर मकानों के अंदर तेंदुए को घूमता देखा गया है।
बता दें कि नंगल व नया नंगल इलाके में झाड़ियों के बड़े-बड़े जंगल तैयार हो चुके हैं। जहा वन्य प्राणी भारी संख्या में आकर शरण ले चुके हैं। गर्मियों के दिनों में पहाड़ों पर कम हो चुकी हरियाली तथा पानी के सूखते जा रहे स्त्रोतों के कारण वन्य प्राणी लगातार नंगल डैम झील का ठंडा पानी पीने के लिए पहुंच रहे हैं, जो वापस जंगल जाने की बजाए जहा शहर में ही झाड़ियों के जंगलों में शरण लेते आ रहे हैं। इन जानवरों में अब तेंदुआ भी शामिल हो चुका है जो प्यास बुझाने के साथ-साथ जंगलों से उतर कर आने वाले जानवरों को अपना शिकार बना कर भूख भी मिटा रहा है। उधर वन्य प्राणी विभाग ने तेंदुए की सूचना मिलते ही नया नंगल अस्पताल के निकट पिंजरा लगा रखा है लेकिन पिंजरे में अभी तक तेंदुआ नहीं फंसा है।
---एनएफएल को कटवाने चाहिए झाड़ियों के जंगल--
नगर कौंसिल के चेयरमैन अशोक पुरी ने बताया है कि उनके इलाके में काफी दहशत पाई जा रही है। झाड़ियों के जंगल एनएफएल के इलाके में है । एनएफएल को जल्द झाड़ियों के जंगल कटवाने चाहिए यदि एनएफएल प्रबंधन झाड़ियों को कटवा नहीं सकता तो इसकी अनुमति नगर कौंसिल को दी जानी चाहिए। जनहित में जरूरी है किस शहर को साफ सुथरा बनाया जाए ताकि लगातार जंगल से उतरकर आ रहे वन्य प्राणी मानव जीवन के लिए खतरा न बन सकें। उन्होंने बताया कि सेक्टर दो में खंडहर बन चुके मकानों के पास झाड़ियों में घूमता हुआ तेंदुआ फिर देखा गया है।