सानू कल्ला छड के कित्थे चला गया , तेरे पिछों कौण पाणी दा घुट पिलाउगा।
नूरपुरबेदी सीआरपीएफ जवान कुल¨वदर ¨सह के परिवार को वीरवार सुबह अपने बेटे के कुशल मंगल होने की सूचना मिली थी और उसी दिन देर रात बेटे के देश के लिए शहीद होने की सूचना मिल गई। कुल¨वदर के पिता दर्शन ¨सह को बेटे कुल¨वदर का 14 फरवरी की सुबह फोन आया था और उसने कुशल होने के बारे में बताया था। शहीद के चाचा अवतार ¨सह ने रोते हुए बताया कि वीरवार रात करीब 11 बजे दिल दहला देने वाली फोन कॉल आई।
मनदीप बाली, नूरपुरबेदी
सीआरपीएफ जवान कुल¨वदर ¨सह के परिवार को वीरवार सुबह अपने बेटे के कुशल मंगल होने की सूचना मिली थी और उसी दिन देर रात बेटे के देश के लिए शहीद होने की सूचना मिल गई। कुल¨वदर के पिता दर्शन ¨सह को बेटे कुल¨वदर का 14 फरवरी की सुबह फोन आया था और उसने कुशल होने के बारे में बताया था। शहीद के चाचा अवतार ¨सह ने रोते हुए बताया कि वीरवार रात करीब 11 बजे दिल दहला देने वाली फोन कॉल आई। उसने फोन रिसीव किया। कुछ समय के लिए वह सुध-बुध खो बैठा और चुप हो गया। उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि यह क्या हो गया है। घर में अकेले कुल¨वदर के माता-पिता को उसके शहीद होने के संबंध में बताने की उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी। इसके बाद खुद को संभाला और दिल पर पत्थर रखकर कुल¨वदर के माता-पिता को उनके लाल के शहीद होने की जानकारी दी। शहीद के पिता दर्शन का दर्द देखा नहीं जा रहा था। अपने माता-पिता का इकलौता पुत्र होने के कारण उन्हें अपने पुत्र के विवाह को लेकर काफी उत्साह था। विवाह की तिथि 8-9 नवंबर निश्चित किए जाने के चलते उन्होंने विवाह की तैयारियां शुरू की हुई थी। इस दौरान घर का निर्माण कार्य भी जारी था, लेकिन कुल¨वदर ¨सह के शहीद हो जाने के चलते उसके माता-पिता के अरमान पलों में ध्वस्त हो गए।
सानूं कल्ला छड के कित्थे चला गया पिता बार बार विलाप करते कहा रहा था कि कुल¨वदर सानूं कल्ला छड के कित्थे चला गया तू। हुण सानूं सयाणियां नू तेरे पिछों कौण पाणी दा घुट पिलाउगा। इस दौरान एकत्र रिश्तेदार व क्षेत्रवासी शहीद के माता-पिता को संभालने में लगे थे, जबकि शहीद की माता अमरजीत कौर भी सुध बुध खोए हुए बार बार रोती जा रही थी। गांव की महिलाएं उसे बार-बार पानी पिलाने का प्रयास कर रही थी। एक भी घर में नहीं जला चूल्हा गांव के सरपंच गुर¨वदर ¨सह व पूर्व सरपंच निर्मल ¨सह रौली ने कहा कि कुल¨वदर ¨सह के शहीद हो जाने के कारण उसके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया है। समूह गांव के एक भी घर में चूल्हा नहीं जला व सबको सैनिक के शहीद होने पर गहरा आघात पहुंचा है। गांव का प्रत्येक व्यक्ति इस दुख की घड़ी में शहीद के परिवार के साथ है। एसडीएम और डीएसपी ने जताई संवेदना जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम आनंदपुर साहिब हरबंस ¨सह व डीएसपी र¨मदर ¨सह काहलों शहीद कुल¨वदर ¨सह के घर पर पहुंचे व उसके परिवार के साथ गहरी संवेदना जताई। एसडीएम हरबंस ¨सह ने कहा कि सबसे पहले शहीद का शव दिल्ली पहुंचेगा। जहां देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा श्रद्धांजलि भेंट की जाएगी। इसके उपरांत शहीदों के शवों को उनके गांवों के लिए रवाना कर दिया जाएगा। प्रशासन द्वारा पुलिस जवानों व अन्य अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है व शहीद का सरकारी सम्मान के साथ संस्कार किया जाएगा। इसके अलावा क्षेत्र की विभिन्न शख्सियतों ने भी शहीद के माता-पिता व पारिवारिक सदस्यों के साथ दुख साझा किया। आज होगा सम्मान के साथ संस्कार शनिवार को होगा शहीद का सरकारी सम्मानों के साथ संस्कार
शहीद कुल¨वदर ¨सह का 16 फरवरी को उसके गांव रौली के शमशानघाट में सरकारी सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। पारिवारिक सदस्यों के अनुसार शहीद का शव शुक्रवार देर रात तक पहुंचने की आशा है। सीआरपीएफ के उच्चाधिकारियों द्वारा उन्हें फोन पर बताया गया है कि वे आज पहुंच रहे हैं।