कारगिल युद्ध के शहीदों के स्वजन किए सम्मानित
कारगिल विजय दिवस को समर्पित सम्मान कार्यक्रम के अंतर्गत मैं हूं ना संस्था ने कलितरां गांव में कारगिल शहीद के स्वजनों का सम्मान किया ।
जागरण संवाददाता, नंगल: कारगिल विजय दिवस को समर्पित सम्मान कार्यक्रम के अंतर्गत 'मैं हूं ना' संस्था ने कलितरां गांव में कारगिल शहीद के स्वजनों का सम्मान किया । संस्था के प्रतिनिधियों डा. ईश्वर चंद्र सरदाना, भाजपा के बलराम पराशर ने बताया कि कारगिल युद्ध में योगदान दे चुके एक्स सर्विसमैन राम चंद मेंहंदली के हाथों से कारगिल शहीद मलूक चंद के परिवार को कारगिल विजय दिवस पर सम्मानित किया गया। उन्होंने बताया कि शहीद के परिवार को सम्मान देने का मकसद राष्ट्र निर्माण तथा देश की रक्षा के लिए काम कर रहे लोगों को सम्मान देना है। उन्होंने बताया कि कारगिल युद्ध भारत व पाकिस्तान के मध्य मई 1999 से लेकर जुलाई 1999 तक चला था। कश्मीर के कारगिल में 60 दिन तक चले युद्ध का अंत 26 जुलाई को हुआ था। तब से ये दिन कारगिल विजय दिवस के रुप में मनाया जाता है। इस उपलक्ष्य में ही कारगिल युद्ध में शहादत देने वाले सैनिक के परिवार का सम्मान किया गया है। वहीं समीपवर्ती हिमाचल के औद्योगिक क्षेत्र टाहलीवाल में शहीदों के सम्मान में उनके परिवारों को सम्मानित कर प्रोत्साहित किया गया है। डिप्टी डायरेक्टर नेहरू युवा केंद्र ऊना लाल सिह, हरोली ब्लाक औद्योगिक एसोसिएशन के चेयरमैन राकेश कौशल, महासचिव रोहित वर्मा आदि के साथ एसपी ऊना अर्जित सेन ने कारगिल युद्ध में शहीद हुए मनोहर लाल सहित सात शहीदों के परिवारों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। उन्होंने शहीदों के अभिभावकों को प्रणाम करते हुए कहा कि धन्य हैं वे माता-पिता जिनके लाडले कम उम्र में ही देश की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि जैसे हमारे सैनिक देश की सीमा पर पहरा देकर अपनी जान की परवाह ना करते हुए देश की रक्षा करते हैं, ठीक उसी प्रकार हमें भी नशा माफियाओं व अन्य माफियाओं की सटीक जानकारी पुलिस को देकर देश की रक्षा करनी होगी तभी हमारा देश अंदर से भी मजबूत होगा। गौर हो कि कुठारबीत निवासी शहीद मनोहर लाल 27 साल पुत्र ओम प्रकाश कारगिल की लड़ाई में शहीद हुए थे। उनके नाम पर सरकारी स्कूल का नाम भी रखा गया है। मनोहर लाल 13 जैक बटालियन में तैनात थे। सात जुलाई 1999 को कारगिल पर विजय प्राप्त करने के दौरान युद्ध में वीरगति से प्राप्त हुए थे। मेहर सिंह पुत्र हरमेश सिंह पिता नायब सूबेदार रत्न सिंह गांव भिदड़वाल ड्यूटी के दौरान अचानक स्वास्थ्य बिगड़ने से वीरगति को प्राप्त हुए। रमेश बीटन पुत्र हरमेश बीटन 2001 में जम्मू तवी रेलवे स्टेशन के पास आंतकी हमले में गोलियां लगने से वीरगति को प्राप्त हुए थे। कुलविदर बीटन (21) पुत्र लक्ष्मण दास गांव बीटन, सन 2000 में श्रीनगर के पुंछ में आंतकी हमले में गोली लगने से वीरगति को प्राप्त हुए थे । वर्ष 2002 में शहीद संजीव रत्न भारद्वाज दुलैहड, श्रीनगर में आतंकी मुठभेड़ में गोली लगने से वीरगति को प्राप्त हुए। शहीद ब्रजेश 2018 में आंतकी हमले में गोली लगने से वीरगति को प्राप्त हुए थे। कुलविदर सिंह पुत्र प्रीतम सिंह, गांव धुगगे ड्युटी के दौरान मध्यप्रदेश के मऊ में दुर्घटना होने पर मौत पर शहीद हुए। गांव धुग्गे के कुलविदर सिंह श्रीनगर में ड्यूटी के दौरान शहीद हुए थे। ब्रजेश कुमार श्रीनगर पुंछ में आतंकी मुठभेड़ में गोली लगने से वीरगति को प्राप्त हुए थे। इस मौके पर हरोली ब्लाक औद्योगिक एसोसिएशन के पदाधिकारी राजन शर्मा राजू, हरदीप सिंह, राजवीर सिंह, कपिल आनंद, आरसी तनेजा, अंशूल धीमान, योगेश शर्मा, स्टेज सैकरेटरी बलराम महेश व नगर पंचायत टाहलीवाल के अध्यक्ष राज कुमार राजू, पूर्व प्रधान नंगल कलां सरदारा सिंह, समाज सेवी सुरिदर रत्रा व महिला मंडल संतोषगढ की अध्यक्षा लीला देवी मौजूद थीं ।