अध्यापकों और डॉक्टरों में बढ़ा साइकिल का क्रेज, घटा रहे वजन
कभी समय था जब सड़कों पर साइकिलों की घंटियों की आवाज अक्सर सुनाई देती थी।
हरपाल ढींडसा, नूरपुरबेदी : कभी समय था जब सड़कों पर साइकिलों की घंटियों की आवाज अक्सर सुनाई देती थी। आम लोग साइकिलों पर ही अपनी रिश्तेदारी या अन्य सामाजिक कार्यों के लिए जाते थे। बदले माहौल में साइकिलों की जगह वाहनों ने ले ली है। तेल के साथ चलने वाले इन वाहनों ने जहां हमारा वातावरण खराब करके रख दिया है, वहीं साइकिल न चलाने की आदत ने लोगों की सेहत पर भी बुरा प्रभाव डाला है। आज हर चौथा व्यक्ति शूगर, बीपी, यूरिक एसिड और दिल के रोगों का शिकार बन चुका है। सेहत के प्रति चिता को लेकर अब नूरपुरबेदी क्षेत्र समेत पूरे जिले में अध्यापकों और डाक्टरों ने साइकिल चलाना शुरू कर दिए हैं। सेहत प्रति जागरूक समाज के इस चेतन वर्ग को सुबह शाम साइकल चलाते देख कर दूसरे लोग भी खुद को स्वस्थ रखने के लिए सोचने लग पड़े हैं। प्राप्त जानकारी अनुसार नूरपुरबेदी, आनंदपुर साहिब, नंगल, चमकौर साहिब और रूपनगर आदि शहरों में कई नौकरीपेशा लोग, अध्यापक और डाक्टर रोजाना साइकिल चला कर खुद को स्वस्थ रख रहे हैं।
साइक्लिंग के जरिये घटाया अपना भार
नूरपुरबेदी के गांव समीरोवाल के 64 वर्षीय पूर्व सरपंच अवतार सिंह ने साइकिल चलाना शुरू करके दूसरे लोगों के लिए मिसाल कायम कर दी है। अवतार सिंह ने साइकिल चला कर अपना 122 किलो भार से घटाकर 66 किलो कर लिया है। अवतार सिंह ने बताया कि वह रोजाना 50 से 60 किलोमीटर साइकिल चलाता है। जिससे अब उस के घुटने भी नहीं दर्द करते और न ही दिल, शुगर और बीपी की बीमारी रही है। अध्यापक मनप्रीत सिंह ने कम किया 21 किलो बजन
अध्यापक मनप्रीत सिंह लैहड़ियां भी रोजाना साइकिल चला कर 21 किलो भार तोड़ने में कामयाब हो चुका है। क्षेत्र के लोगों में साइकिल का क्रेज इतना बढ़ रहा है कि एक्सइएन वरिदर पाठक तो रोजाना साइकिल पर ही नूरपुरबेदी से आनंदपुर साहिब अपनी ड्यूटी पर जाते हैं। शहर के डाक्टर गुरदेव सिंह और लक्की सैनी तो सप्ताह में एक बार साइकिल पर चंडीगढ़ और नयना देवी का चक्कर भी लगा आते हैं। हड्डियों के माहिर डाक्टर कैहल भी साइकिल चलाने का शौक पाल रहे हैं। वह अकसर छुट्टी वाले दिन साइकिल से लंबी दूरी तय करते हैं।
आसान सस्ती कसरत है साइक्लिंग
साइकिल एसोसिएशन संस्था के साथ जुड़े अध्यापक रणजीत सिंह आनंदपुर साहब, लेक्चरार पाली रायपुर, संजीव कुमार मोठापुर, सुरजीत सिंह खटड़ा आदि ने बताया कि आज के युग में हमारा खाने पीने, रहने सहने और हाथ से काम करने का लहजा बदल चुका है। इसलिए स्वस्थ रहने के लिए सबसे आसान और सस्ती कसरत साइक्लिंग है। प्राप्त जानकारी अनुसार लोगों का साइकिल खरीदने का रुझान फिर बढ़ चुका है।
इन्होंने भी घटाया भार
साइकिल विक्रेता दुकानदार सीता राम और मोरिडा साइकिल वकर्स रूपनगर वालों के अनुसार समाज में ज्यादातर साइकिलें नौकरी पेशा लोग खरीद रहे हैं, जोकि सेहत प्रति जागरूक हो रहे हैं। 70 साला साइकिल चालक डॉ.अविनाश का कहना है कि साइकिल चलाने साथ मोटापा भी घटता है और वाहनों में डाले जाने वाले तेल की बचत भी होती है। साइकिल लोकल आवागमन के लिए सस्ता और प्रदूषण मुक्त साधन है। साइकिल एसोसिएशन के नेता रणजीत सिंह, संजीव कुमार और पाली रायपुर ने बताया कि उनकी तरफ से लोगों को काम करने और वातावरण बचाने का संदेश देने के लिए रूपनगर से सुलतानपुर लोधी तक करीब 170 किलोमीटर लंबी यात्रा भी की गई है।