सतनाम वाहेगुरु से गूंजा श्री आनंदपुर साहिब
खालसा पंथ की चढ़दी कला के प्रतीक होला महल्ला के दूसरे पड़ाव में शनिवार सुबह दो नगर कीर्तन सजाए गए।
संवाद सहयोगी, श्री आनंदपुर साहिब : खालसा पंथ की चढ़दी कला के प्रतीक होला महल्ला के दूसरे पड़ाव में शनिवार सुबह दो नगर कीर्तन सजाए गए। इस अवसर पर पुरातन रिवायत के अनुसार संत समाज एवं निर्मल भेख दोआबा मंडल ने गुरुद्वारा टिब्बा साहिब चक होलगढ़ श्री आनंदपुर साहिब से विशाल नगर कीर्तन सजाया गया।
शनिवार सुबह गुरुद्वारा टिब्बा साहिब अगमपुर से श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी और पांच प्यारों की अगुआई में विशाल नगर कीर्तन सजाकर होला महल्ला समागमों की शुरुआत की। इस अवसर पर नगर कीर्तन पर फूलों की वर्षा की गई तथा सतनाम वाहेगुरु के जयकारों से पूरा मेला क्षेत्र गूंज पड़ा। विशाल नगर कीर्तन गुरुद्वारा टिब्बा साहिब से शुरू होकर अगमपुर चौक, बस स्टैंड, पांच प्यारा पार्क, किला आनंदगढ़ साहिब, गुरुद्वारा शहीदी बाग, निहंग सिंह छावनी शिरोमणि पंथ अकाली बुड्ढा दल, नई आबादी से होता हुआ श्री केसगढ़ साहिब में संपन्न हुआ। नगर कीर्तन में तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह ने संत समाज एवं निर्मल भेख दोआबा मंडल के नगर कीर्तन में शिरकत की। तख्त साहिब के जत्थेदार रघुबीर सिंह ने दोआबा निर्मल मंडल के प्रयास की प्रशंसा करते कहा कि होला महल्ला का आगाज समूह संत समाज की तरफ से किया गया है। इसके लिए संत समाज निर्मल भेख बधाई का पात्र है। इस अवसर पर गुरुद्वारा टिब्बा साहिब के मुख्य प्रबंधक संत बाबा करमजीत सिंह एवं संत बाबा बलबीर सिंह आदि उपस्थित थे। दूसरा नगर कीर्तन निर्मल भेख दोआबा मंडल चक होलगढ़ स्थित डेरा बाबा दलीप सिंह डुमेली अगमपुर से निकाला गया।