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श्री आनंदपुर साहिब में खालसाई परंपराओं के साथ होला महल्ला शुरू

खालसाई पंथ के जाहो जलाल का प्रतीक होला महल्ला का दूसरा पड़ाव खालसा पंथ की जन्मभूमि श्री आनंदपुर साहिब में शनिवार को खालसाई परंपराओं के साथ आरंभ हो गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 27 Mar 2021 11:51 PM (IST)Updated: Sat, 27 Mar 2021 11:51 PM (IST)
श्री आनंदपुर साहिब में खालसाई परंपराओं के साथ होला महल्ला शुरू
श्री आनंदपुर साहिब में खालसाई परंपराओं के साथ होला महल्ला शुरू

संवाद सहयोगी, श्री आनंदपुर साहिब : खालसाई पंथ के जाहो जलाल का प्रतीक होला महल्ला का दूसरा पड़ाव खालसा पंथ की जन्मभूमि श्री आनंदपुर साहिब में शनिवार को खालसाई परंपराओं के साथ आरंभ हो गया। शनिवार सुबह तख्त श्री केसगढ़ साहिब में तख्त साहिब के सिंह साहिब ज्ञानी रघुबीर सिंह ने अरदास के उपरांत श्री अखंड पाठ साहिब की शुरुआत की।

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मेले की शुरुआत के मौके सिंह साहिब ज्ञानी रघुवीर सिंह ने कहा कि साहब-ए-कमाल सरबंसदानी श्री गुरु गोबिद सिंह जी ने भारतीय लोगों में नया जोश और बलिदान का जज्बा पैदा कर अत्याचार और जालिम सरकार के खिलाफ संघर्ष करने के लिए रिवायती होली के त्योहार को नया रूप देकर सन 1700 में होला महल्ला की श्री आनंदपुर साहिब की पवित्र धरती पर शुरुआत की थी। गुरु साहिब की यह परंपरा खालसा पंथ को हमेशा संघर्षशील और तैयार-बर-तैयार रहने का संदेश देती है।

श्री आनंदपुर साहिब में होला महल्ला के पहले दिन श्री आनंदपुर साहिब समेत समूचा इलाका खालसाई रंग में रंग गया। खालसा पंथ की जन्म स्थली तख्त श्री केसगढ़ साहिब समेत गुरुद्वारा शीशगंज साहिब, गुरु का महल गुरुद्वारा भोरा साहिब, किला आनंदगढ़ साहिब, किला फतेहगढ़ साहिब, किला होलगढ़ साहिब, किला लोहगढ़ साहिब और किला तारागढ़ साहिब आदि समेत कीरतपुर साहिब और गुरु का लाहौर में भी सारा दिन कतारों में लगकर काफी संख्या में संगत नतमस्तक होकर गुरु साहिब का आशीर्वाद प्राप्त कर रही है। तख्त श्री केसगढ़ साहिब में 30 मार्च तक लड़ीवार चलेंगे गुरमति समागम

श्री तख्त साहिब के मैनेजर मलकीत सिंह और एडीशनल मैनेजर एडवोकेट हरदेव सिंह ने बताया कि 27 मार्च की रात को आठ बजे से तड़के तीन बजे तक तख्त श्री केसगढ़ साहिब में कल्याण चौकी और बसंत कीर्तन दरबार होंगे। इस दौरान पंथ प्रसिद्ध रागी जत्थे गुरबानी के निर्धारित रागों अनुसार गुरबाणी कीर्तन से संगत को निहाल करेंगे। दूसरे दिन 28 मार्च को रात आठ बजे से 29 मार्च तड़के तीन बजे तक कीर्तन कल्याण चौकी और कवि दरबार होगा। 29 मार्च को अमृत तड़के तीन बजे से सुबह 10 बजे तक और रात आठ बजे से 30 मार्च तड़के तीन बजे तक कीर्तन दरबार में पंथ प्रसिद्ध रागी जत्थे हाजिरियां भरेंगे। 29 मार्च को पांच प्यारों के नेतृत्व में रिवायती महल्ला तख्त श्री केसगढ़ साहिब से सुबह 11.30 बजे आरंभ होकर किला आनंदगढ़ साहिब और किला होलगढ़ साहिब सहित विभिन्न पड़ावों से होता हुआ तख्त श्री केसगढ़ साहिब में समाप्त होगा। मेले के दौरान तख्त साहिब में लगातार अमृत संचार होगा।

गुरु की लाडली फौजें निहंग सिंह छावनियों में सजीं

होला महल्ला के पहले दिन गुरु की लाडली फौजें शिरोमणि पंथ अकाली बुड्ढा दल के नेतृत्व में अपनी अपनी छावनियों में सजीं। निहंग सिंह छावनी शिरोमणि पंथ अकाली बुड्ढा दल गुरुद्वारा गुरु का बाग, गुरुद्वारा शहीदी बाग में तरना दल, तरना दल हरी वेलां, दल संप्रदाय बाबा बिधि चंद जी, तरना दल वाले आदि समूह मेले में आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। निहंग सिंहों द्वारा महल्ले की तैयारियों के मद्देनजर अपने अपने शास्त्रों, घोड़ों को तैयार किया जा रहा है। ये रहे उपस्थित

एसजीपीसी मेंबर भाई अमरजीत सिंह चावला, प्रिसिपल सुरिदर सिंह, तख्त साहिब के हेड ग्रंथी ज्ञानी फूला सिंह, मैनेजर मलकीत सिंह, मैनेजर एडवोकेट हरदेव सिंह, तख्त साहिब के पांच प्यारे भाई सरबजीत सिंह, भाई अवतार सिंह, भाई हरजीत सिंह, भाई सुरिदर सिंह, भुपिदर सिंह, करमजीत सिंह, सरबजीत सिंह, हरदेव सिंह, मनजिदर सिंह बराड़, हरजीत सिंह अचित, जत्थेदार राम सिंह, प्रचारक लवप्रीत सिंह आदि इस दौरान उपस्थित थे।


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