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हम नहीं रोक पाए पानी का तेज बहाव, आंखों के सामने टूट गया बांध

पानी का बहाव इतना तेज था कि बांध की लीकेज को रोक पाना बारिश के बीच हमारे लिए संभव नहीं था।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Aug 2019 10:34 PM (IST)Updated: Wed, 21 Aug 2019 06:29 AM (IST)
हम नहीं रोक पाए पानी का तेज बहाव, आंखों के सामने टूट गया बांध
हम नहीं रोक पाए पानी का तेज बहाव, आंखों के सामने टूट गया बांध

अजय अग्निहोत्री, रूपनगर: गांव खैराबाद में बुधकी नदी के बांध से पानी निकलता देख सबसे पहले हम भागे और कस्सी लेकर बांध की लीकेज को बंद करने का प्रयास किया। जितना हम प्रयास करते गए, उतना ही पानी बढ़ता गया। पानी का बहाव इतना तेज था कि बांध की लीकेज को रोक पाना बारिश के बीच हमारे लिए संभव नहीं था। एकदम बांध टूट गया और पानी का बहाव हम लोगों को अपने साथ ले गया। सब पानी के बहाव में अलग हो गए। जो पानी के बहाव से बच पाए वो भाग लिए। मैं और मेरा एक साथी मौके पानी के बहाव में फंस गए। पानी ने हमें उठाकर पेड़ों की तरफ फेंक दिया। ये शब्द हैं खैराबाद के मुस्तफा नगर में रहने वाले सलीम के। उसने कहा कि पानी में बहते हुए उसके हाथ में खेत में लगी कांटेदार तार आई और उसे पकड़कर वो धीरे धीरे बांध की तरफ चला गया। उसका साथी बहादुर अली भी उसके साथ था। किसी तरह बांध के दाई ओर पहुंचे। तब तक बाकी लोग पानी के बहाव से खुद को बचाते हुए निकल गए। वो आठ दस लोग थे, जो बांध को टूटने से रोकने के लिए बांध की तरफ सुबह नौ बजे भागे थे। सलीम ने कहा कि उसने और उसके भाई नन्हें ने 50-50 गज जमीन लेकर मकान सात साल पहले बनाए थे। आज सब नेस्तनाबूत हो गया। मुझे बाद में मेरे साथी चमकौर साहिब की तरफ से जाकर गाड़ी में बचाकर लाए। वहीं शब्बीर हुसैन बोले कि खैराबाद के हरविदर सिंह किश्ती वाले अपनी मोटर बोट लाकर परिवारों को बाहर न निकालते तो वो अल्ला को प्यारे हो जाते। तो मैं जिदा न होती: बिलकिस बुजुर्ग बिलकिस (60) ने बताया कि वो घर में सो रही थी। घर में कोई नहीं था। उसका जवाई नजाकत परिवार के साथ दिल्ली गया हुआ था और उसे पास में रहने वाली उसकी भांजी ने उठाया कि जल्दी उठो पानी आ गया। अगर वो न आती तो शायद वो आज जिदा न होती। जो कपड़े पहने हैं वो ही बचे हैं: सलमा सलमा ने बताया कि रविवार का सारा दिन परिवारों ने घरों की छतों पर बैठकर किसी तरह काटा। शाम को मोटर बोट में उन्हें गांववासियों ने निकाला। उनके पास कुछ नहीं बचा। जो कपड़े पहने हैं, वो ही बचे हैं। पांव में डालने के लिए चप्पलें तक नहीं बची हैं। पानी उनके घरों की छतों के पास तक पहुंच गया था। सेठी सिंह का मकान गिरा इधर, गांव खैराबाद में सेठी सिंह के मकान का अगला हिस्सा बाढ़ की चपेट में आ गया। दिहाड़ी करने वाले सेठी सिंह ने बताया कि उसका सब कुछ पानी में बर्बाद हो गया। रसोई का सामान, सिलेंडर तक पानी में बह गए। टीवी, बेड आदि भी खराब हो गए। मवेशी मरे, घरों को पहुंचा नुकसान गांव खैराबाद में दर्जनों लोग हैं जिनके मकानों को नुकसान पहुंचा है और पशु बाड़े में रस्सी से बंधने की वजह से पानी में डूबने से मर गए हैं। खैराबाद में लेखराज के मकान की नींव ही हिल गई। भाग सिंह की दो भैंसें, गुरदयाल सिंह की दो गाय, कमल कुमार की दो गाय व दो बछड़ियां, बलवीर सिंह के घर की दीवार गिर गई।

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