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राहत : कोलकाता के लिए एक साल से बंद पड़ी गुरमुखी एक्सप्रेस चली

कोरोना संकट के चलते पिछले एक साल से बंद पड़ी गुरमुखी एक्सप्रेस गाड़ी को शुक्रवार को रेलवे बोर्ड से हरी झंडी मिलने के बाद आज कोलकता के लिए रवाना किया गया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Mar 2021 12:18 AM (IST)Updated: Sun, 21 Mar 2021 12:18 AM (IST)
राहत : कोलकाता के लिए एक साल से बंद पड़ी गुरमुखी एक्सप्रेस चली
राहत : कोलकाता के लिए एक साल से बंद पड़ी गुरमुखी एक्सप्रेस चली

अरुण कुमार पुरी, रूपनगर : कोरोना संकट के चलते पिछले एक साल से बंद पड़ी गुरमुखी एक्सप्रेस गाड़ी को शुक्रवार को रेलवे बोर्ड से हरी झंडी मिलने के बाद आज कोलकता के लिए रवाना किया गया है। इस गाड़ी के चलने से बिहार, यूपी व बंगाल के रहने वाले उन लोगों को बड़ी राहत मिली है जो यहां मजदूरी व नौकरी आदि करते हैं। इसके साथ इस गाड़ी के चलने से सिख पंथ के दो महान तख्तों के दर्शन भी आसान हो गए हैं। हालांकि इस गाड़ी के चलने से लोगों ने खुशी का इजहार किया है लेकिन रेलवे विभाग द्वारा अमृतसर वाली गाड़ी को अभी तक पटरी पर नहीं उतारने से लोगों में रोष भी पाया जा रहा है।

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इस गाड़ी के चलने की पुष्टि करते हुए रूपनगर रेलवे के स्टेशन सुपरिंटेंडेंट तेजिदर पाल ने बताया कि रेलवे बोर्ड द्वारा लिए फैसले के बाद इस गाड़ी को शनिवार को नंगल से कोलकता के लिए रवाना किया गया। उन्होंने बताया कि यह गाड़ी हर शनिवार को सुबह सात बजे नंगल डैम से छूटेगी जोकि आनंदपुर साहिब, कीरतपुर साहिब के रास्ते 7.40 बजे रूपनगर पहुंचेंगी जिसके बाद यह गाड़ी मोरिडा, कुराली, सरहिद, अंबाला, सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली, लखनऊ, बनारस, मुगलसराय, पटना होते हुए रविवार की सुबह कोलकता पहुंचेगी जबकि कोलकता से अगले दिन चलते हुए इसी रूट पर लौटेगी। इस गाड़ी के चलने से बिहार, यूपी व कोलकता के लोगों को तो बड़ी राहत मिली है।

अमृतसर इंटरसिटी एक्सप्रेस को भी चलाने की भी मांग

गुरमुख एक्सप्रेस के शुरू होते ही अमृतसर इंटरसिटी एक्सप्रेस को चलाए जाने की मांग ने दोबारा जोर पकड़ना शुरू कर दिया है। उक्त गाड़ी भी कोरोना के चलते पिछले लगभग एक साल से बंद पड़ी है जोकि नंगल डैम से चलते हुए रोजाना आनंदपुर साहिब, कीरतपुर साहिब, रूपनगर, मोरिडा, लुधियाना, जालंधर, ब्यास के रास्ते अमृतसर जाती थी। इस गाड़ी का सबसे अधिक लाभ व्यापारी वर्ग तथा छोटे दुकानदारों को मिल रहा था जो लुधियाना व जालंधर से विभिन्न प्रकार के माल की खरीदते थे। इसके अलावा अमृतसर में हरीमंदिर साहिब एवं दरबार साहिब तथा दुग्र्याणा मंदिर के साथ साथ जलियांवाला बाग तथा डेरा ब्यास में माथा टेकने की चाह रखने वाली संगतों के लिए भी यह गाड़ी वरदान बनी हुई थी। इस गाड़ी के एक साल से बंद होने के कारण लोगों में विशेषकर संगतों में काफी मायूसी पाई जा रही है तथा हर किसी की मांग है कि अमृतसर इंटर सिटी को जल्द चलाया जाए।


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