सरकार सीबीआइ जांच पूरी होने देती, तो माइनिग घोटाले का अब तक हो जाता पर्दाफाश
अगर पंजाब सरकार ने अदालती आदेशों के तहत प्रदेश में माइनिग संबंधी शुरू हुई सीबीआइ जांच को शिखर पर चढ़ लेने दिया होता तो अब तक माइनिग संबंधी बड़े घोटाले का पर्दाफाश हो जाता।
संवाद सूत्र, घनौली: अगर पंजाब सरकार ने अदालती आदेशों के तहत प्रदेश में माइनिग संबंधी शुरू हुई सीबीआइ जांच को शिखर पर चढ़ लेने दिया होता, तो अब तक माइनिग संबंधी बड़े घोटाले का पर्दाफाश हो जाता। यह बातें यहां पर प्रेसवार्ता के दौरान पूर्व शिक्षा मंत्री डा. दलजीत सिंह चीमा ने कहीं। उन्होंने कहा कि पंजाब में गैर कानूनी तौर पर खनन पदार्थों की लूट हो रही है। जब पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने ज्यूडीशियल अफसर भेजकर चेक करवाया था, तो उन्होंने सरेआम अवैध पर्ची वसूली जाने की रिपोर्ट सरकार को भेजी थी, पद उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि माइनिग के कारण पानी का स्तर बहुत नीचे चला गया है। जब अदालत ने जांच सीबीआइ को सौंप दी थी, तो सरकार ने अदालत में कहा कि इसके बारे में हम खुद ही जांच कर लेंगे और सीबीआइ जांच की कोई जरूरत नहीं है। डा. चीमा ने कहा कि अकाली दल की सरकार ने लोगों को सस्ता रेत व बजरी मुहैया करवाने के लिए यह कहते हुए रिवर्स बिडिग करवाई थी कि लोगों को सस्ता रेता बजरी मिलना चाहिए और सरकार को रेत बजरी से आमदनी की कोई जरूरत नहीं। कैप्टन सरकार ने इस नीति स ेउलट रेत व बजरी से आमदनी एकत्र करने के लिए प्रोग्रेसिव बिडिग करवाई और सरकार ने कहा था कि इससे 1400 करोड़ रुपये का रेवेन्यू आएगा, पर अभी तक सरकार इसे सिर्फ 100 करोड़ रुपये के लगभग ही एकत्र कर सकी है। मौजूदा हालात यह हैं कि लोगों को भी रेत व बजरी महंगा मिल रहा है। इस मौके पर शिरोमणि अकाली दल के जिला प्रधान गुरिदर सिंह गोगी, सचिव सुखइंद्रपाल सिंह बोबी बोला, सर्किल प्रधान रविदर सिंह काला, महिला विग पंजाब की उपाध्यक्ष पलविदर कौर रानी, नंबरदार धरमिदरजीत सिंह मलिकपुर व राजिदर सिंह बिक्को भी उपस्थित थे।