सुदर्शन क्रिया का अभ्यास करवाकर बताया योग का महत्व
श्री श्री रविशंकर जी महाराज के शिष्यों के ज्ञान मंदिर डूकली में आर्ट आफ लिविग चैप्टर नंगल का आयोजित ज्ञान ध्यान पर आधारित हैप्पीनेस प्रोग्राम संपन्न हो गया।
जागरण संवाददाता, नंगल: श्री श्री रविशंकर जी महाराज के शिष्यों के ज्ञान मंदिर डूकली में आर्ट आफ लिविग चैप्टर नंगल का आयोजित ज्ञान ध्यान पर आधारित हैप्पीनेस प्रोग्राम संपन्न हो गया। 14 जनवरी से शुरू हुए इस कार्यक्रम में सीनियर योग टीचर विवेक बंसल जालंधर वालों ने बताया कि किस तरह से हम जीवन में शांति प्राप्त करके प्रभु की कृपा का एहसास कर सकते हैं। कार्यक्रम में सुदर्शन क्रिया के अभ्यास के साथ ही प्राणायाम की भस्त्रिका जैसी क्रियाओं को करने का प्रशिक्षण देकर बताया गया कि यह क्रियाएं शरीर, मन, सांस, बुद्धि, चित्त, अहंकार और ऊर्जा का संचार मानव शरीर में करते हुए असीम शांति प्रदान करती हैं। पीजीआइ चंडीगढ़ की डा. मीनाक्षी गुप्ता ने भी आर्ट ऑफ लिविग संस्था के माध्यम से दिए जा रहे प्रशिक्षण के बारे में विस्तार से जानकारी दी। खन्ना से आए ऋषभ आहूजा ने बताया कि इस प्रोग्राम का अधिक से अधिक लोगों को लाभ लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि श्वास ही एकमात्र माध्यम है, जो बाहरी दुनिया को भीतरी दुनिया के साथ जोड़ती है । इस मौके पर उन्होंने पंचकोश ध्यान, प्राणायाम, भस्त्रिका, प्राणायाम और उज्जायी श्वास के बारे में विस्तृत रुप से बताया।
इस मौके पर नंगल के योग टीचर शाम मुरारी, रंजना बजाज, राजविदर कौर, शक्ति सरन सिंह, कृष्ण जोशी सहित नीरज अग्रवाल व राशि अग्रवाल चंद्रमोहन घई आदि भी मौजूद थे।