दिन में दो बार 2000 लोगों तक पहुंचा रहे खाना
आम दिनों में दफ्तरी बाबूओं का घर जाना पांच बजे होता था। अब जब कोरोना वायरस की वजह से लोगों की जान पर बन आई है और कर्फ्यू में लोगों का घर पर रहना देशवासियों के हित का उद्देश्य बन गया है तो सरकारी बाबू अब डोर टू डोर तैयार खाना पहुंचा रहे हैं। नगर कौंसिल दफ्तर के दो क्लर्कों ने अपनी टीम के साथ ये जिम्मा संभाला है।
जागरण संवाददाता, रूपनगर : आम दिनों में दफ्तरी बाबूओं का घर जाना पांच बजे होता था। अब जब कोरोना वायरस की वजह से लोगों की जान पर बन आई है और कर्फ्यू में लोगों का घर पर रहना देशवासियों के हित का उद्देश्य बन गया है तो सरकारी बाबू अब डोर टू डोर तैयार खाना पहुंचा रहे हैं। नगर कौंसिल दफ्तर के दो क्लर्कों ने अपनी टीम के साथ ये जिम्मा संभाला है।
रोजाना दोपहर और रात को एक- एक हजार भोजन के पैकेट वो शहर के भीतर और बाहरी इलाकों में उन जरूरतमंद वर्गों के लोगों को पहुंचा रहे हैं जिनके पास कर्फ्यू के बाद खाने के लाले पड़े हुए हैं। रोजाना रात दस बजे तक क्लर्क दीपक कुमार और क्लर्क ओम प्रकाश की टीम इस काम में जुटी रहती हैं। ये भोजन जिला प्रशासन अपनी रसोई में तैयार करवा रहा है।
दो टीमों में काम कर रहे 12 सदस्य
क्लर्क दीपक कुमार ने बताया कि उन्होंने दो टीमें बनाई हुई हैं और प्रत्येक टीम में 6-6 कर्मचारी शामिल हैं। दो गाड़ियां लेकर वो डोर टू डोर पहुंचकर लोगों को भोजन मुहैया करवा रहे हैं। रोजाना सतलुज दरिया किनारे झुग्गियां, माजरी रोड, माधोदास कालोनी, फ्लाईओवर पुल के पास, शेखा मोहल्ला, मीरा बाई चौक, गुगा माड़ी, कृष्णा नगर मेन बाजार आदि इलाकों में उन जरूरतमंदों को भोजन दिया जाता है जो रोजाना कमाकर खाने वाले यानी कि दिहाड़ीदार हैं। जरूरतमंद ही लें पैकेट भोजन: ओम प्रकाश क्लर्क ओम प्रकाश ने बताया कि रोजाना दो हजार खाने के पैकेट के अलावा चावल और दाल बनाकर लोगों को बांटे जा रहे हैं। ये प्रशासन की हिदायत पर संबंधित इलाके में लंगर लगाया जाता है। ओम प्रकाश ने शहरवासियों से अपील है कि ये पैकेट भोजन जरूरतमंद लोगों के लिए ही हैं जिनके पास राशन है और उनके घर में रोजाना खाना पक रहा है ये भोजन पैकेट न लें।