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धान की पराली का न जलाने का लिया प्रण

कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) रूपनगर ने फसलों की अवशेष प्रबंधन संबंधी किसान मेला लगाया ।

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 Oct 2021 05:35 PM (IST)Updated: Wed, 27 Oct 2021 05:35 PM (IST)
धान की पराली का न जलाने का लिया प्रण
धान की पराली का न जलाने का लिया प्रण

जागरण संवाददाता, रूपनगर: कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) रूपनगर ने फसलों की अवशेष प्रबंधन संबंधी किसान मेला लगाया । इसमें डा. राजबीर सिंह बराड़ जोनल प्रोजेक्ट डायरेक्टर, आइसीएआर -अटारीजोन एक ने मुख्य मेहमान के तौर पर शिरकत की। इस दौरान बराड़ ने सीआरएम मशीनरी अपनाकर फसली अवशेष को आग न लगाने के लिए किसानों को लामबंद करने में केवीके की भूमिका की प्रशंसा की। उन्होंने किसानों से अपील की कि वह वातावरण संतुलन को बिगाड़े बिना किसान भाईचारे के समूह विकास के लिए केवीके मशीनरी बैंक और अन्य नई तकनीकों का लाभ लेने के लिए आगे आएं। केवीके रूपनगर के डिप्टी डायरेक्टर डा. जीएस मक्कड़ ने बताया कि फसली अवशेष प्रबंधन के बारे में किसान मेला लोगों को धान के अवशेष के प्रबंधन के लिए वातावरण पक्षीय नए बदलाव के बारे में जागरूक करने और उनको धान की पराली को आग न लगाने के लिए उत्साहित करने के लिए लगाया गया था। इसमें 400 किसानों ने हिस्सा लिया। डा. जीपीएस सोढ्ी ने किसानों को धान के अवशेष को जलाने के संभावी खतरों के मुद्दों पर संबोधित किया । डा. जेएस समरा ने धान के अवशेष को जलाने के मुद्दों से निपटने के लिए फसलों के अवशेष का प्रयोग के लिए विभिन्न नए तरीके बताए और किसानों को इन तकनीकों को अपनाने के लिए प्रेरित किया। डा. पुष्िदर पी. सिंह ने बायोमास जलाने के कारण वातावरण प्रदूषण के खतरे से निपटने के लिए पीएयू के प्रयासों की सराहना की। इस दौरान मुख्य मेहमान और अन्य ने सीआएम प्रोजेक्ट अधीन फसलों के अवशेष के मौके पर ही प्रबंधन के लिए केवीके रूपनगर के गोद लिए गांवों के लिए सीआरएम मशीनरी (हैपी सीडर, जीरो ड्रिल आदि) को हरी झंडी दी। केवी के रूपनगर ने गोद लिए गांवों की ग्राम पंचायतों को अवशेष जलाने से मुक्त मिसाल गांव बनाने में डाले योगदान के लिए सम्मानित भी किया। इस मौके पर वीके रूपनगर में डा. राजबीर सिंह बराड़, डा. जीपीएस सोढी और अन्य गणमान्यों ने मछली पालन प्रदर्शनी यूनिट का उद्घाटन भी किया।

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