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सिंघु बार्डर पर जारी संघर्ष में शामिल होने जत्था रवाना

कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बार्डर पर चल रहे किसानों के संघर्ष में शामिल होने के लिए शनिवार को सोलखियां टोल प्लाजा से कुल हिद किसान सभा का जत्था सरकार विरोधी नारेबाजी करता रवाना हुआ।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 May 2021 06:16 PM (IST)Updated: Sat, 15 May 2021 06:16 PM (IST)
सिंघु बार्डर पर जारी संघर्ष में शामिल होने जत्था रवाना
सिंघु बार्डर पर जारी संघर्ष में शामिल होने जत्था रवाना

संवाद सहयोगी, रूपनगर : कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बार्डर पर चल रहे किसानों के संघर्ष में शामिल होने के लिए शनिवार को सोलखियां टोल प्लाजा से कुल हिद किसान सभा का जत्था सरकार विरोधी नारेबाजी करता रवाना हुआ। इस जत्थे का नेतृत्व सीटू के प्रदेश अध्यक्ष महा सिंह रौड़ी तथा कुल हिद किसान सभा के प्रदेश सचिव गुरनेक सिंह भज्जल ने संयुक्त रूप से किया।

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इस मौके बोलते महा सिंह रौड़ी ने कहा कि लाकडाउन की आड़ में तीन कृषि कानून पास किए गए हैं। आज देश के 84 फीसदी लोग कृषि पर निर्भर हैं व कहा कि इन कानूनों के लागू होने के साथ सरकारी मंडियों के बराबर बड़ी कंपनियों को प्राइवेट मंडियां खोलने का अधिकार भी मिल जाएगा जिस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा लेकिन एमएसपी खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि आज केंद्र सरकार चाहे 23 फसलों पर एमएसपी दे रही है लेकिन मंडियों में केवल धान व गेहूं की खरीद ही की जाती है तथा कहा कि अगर इन दोनों फसलों के सही मूल्य नहीं मिलेंगे तो किसान बर्बाद हो जाएंगे जबकि उपभोक्ताओं की लूट भी सोच से कहीं ज्यादा होगी।

इस मौके उन्होंने एलान किया कि सीटू द्वारा लिए फैसले के अनुसार किसानों के जारी संघर्ष में अब मजदूर भी शामिल होंगे क्योंकि केंद्र सरकार मजदूरों के साथ भी अन्याय कर रही है। उन्होंने कहा कि मजदूरों के हक में जो कानून बने थे उन्हें तोड़ते हुए केंद्र सरकार ने चार कोड बना दिए हैं जिनका लाभ केवल फैक्टरी मालिकों को ही मिलेगा। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि केंद्र सरकार को झुकाने तक किसानों व मजदूरों का संघर्ष जारी रखा जाएगा। उन्होंने मांग की कि फसलों की खरीूद का कानून बनाया जाए, प्रदूषण आर्डिनेंस रद्द किया जाए तथा बिजली बिल 2020 खत्म किया जाए। इस मौके राणा करण सिंह सहित कामरेड गुरदेव सिंह बागी, रूपिदर सिंह रूपा, तरलोचन सिंह हसनपुर, सुरजीत सिंह ढेर, परमजीत सिंह पम्मा, दिलबाग सिंह कंगनाबेट, परमजीत सिंह रौड़ी, जनक राज, रणधीर सिंह चमकौर साहिब, मेजर सिंह ठौणा, जोगा सिंह रोलमाजरा, इंद्रजीत सिंह फौजी, बलबीर सिंह कौलगढ़, गुरमेल सिंह, मनी बेगमपुर, गुरमेल मंगूपुर, सतनाम सिंह जलालपुर, सेठी, सुनील, हरमन सिंह, राजिदर सिंह लोहटियां, हरबंस सिंह आदि हाजिर थे।


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