पराली को खेतों में बहाया, फसल का अव्वल झाड़ पाया
खेतों में पराली को आग लगाने की प्रथा को स्थायी रूप से बंद करवाने के लिए पंजाब सरकार लगातार प्रयास कर रही है।
संवाद सहयोगी, रूपनगर:खेतों में पराली को आग लगाने की प्रथा को स्थायी रूप से बंद करवाने के लिए पंजाब सरकार लगातार प्रयास कर रही है। किसानों को समझाया जा रहा है कि अगर वह पराली को आग लगाए बिना पराली की खेतों में ही बहाई करने लगें, तो अगली फसल का अधिक झाड़ पाया जा सकता है। यह बातें जिला कृषि अफसर डा. अवतार सिंह ने कहीं । उन्होंने दावा किया कि कृषि विभाग के सुझावों को मानते हुए जिन किसानों ने इस विधि को अपनाया है, उन किसानों को अपनी फसल का अधिक झाड़ प्राप्त हुआ है। किसानों को पराली को आग न लगाने के लिए प्रेरित करने के साथ उन्हें नई नई तकनीकों के बारे जागरूक भी किया जा रहा है। इस दौरान गांव बहरामपुर जिमींदारां के सफल किसान सुरिदर सिंह ने बताया कि वह पिछले कई वर्षों से पराली को जलाना छोड़ चुका है। 2020 में गुरु कृपा सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाया , जिसके बाद उसने पंजाब कृषि एवं किसान भलाई से संपर्क कर पराली का समाधान करने वाले उपकरण सब्सिडी पर हासिल किए। इन उपकरणों की सहायता से 150 एकड़ जमीन पर पराली को बिना जलाए सुपर सीडर के साथ गेहूं की बिजाई की। इस तकनीक से पराली को जलाने से जहां छुटकारा मिला है, वहीं मिट्टी की उपजाऊ शक्ति में बढ़ोतरी होने के साथ साथ थाद की बचत तथा अधिक झाड़ प्राप्त हुआ। उसे अब भी प्रति एकड़ गेहूं का झाड़ 21 क्विंटल जबकि आलू का 125 से 150 क्विंटल प्रति एकड़ मिल रहा है। वहीं डा. अवतार सिंह ने कहा कि इस साल भी उनकी कोशिश रहेगी कि जिले के ज्यादा से ज्यादा किसानों को जागरूक किया जाए, ताकि किसान पराली को जलाना छोड़ उसी पराली से लाभ उठा सकें।