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सिविल में डॉक्टर नहीं, कैसे दूर होगा मरीजों का दर्द

रूपनगर रूपनगर का सिविल अस्पताल जिला सदर मुकाम का अस्पताल जरूर है लेकिन यहां स्वास्थ्य सेवाएं लोगों को सही तरीके से मिलें इसकी तरफ सरकार का ध्यान नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Nov 2018 09:59 PM (IST)Updated: Wed, 14 Nov 2018 09:59 PM (IST)
सिविल में डॉक्टर नहीं, कैसे दूर होगा मरीजों का दर्द
सिविल में डॉक्टर नहीं, कैसे दूर होगा मरीजों का दर्द

अजय अग्निहोत्री, रूपनगर

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रूपनगर का सिविल अस्पताल जिला सदर मुकाम का अस्पताल जरूर है लेकिन यहां स्वास्थ्य सेवाएं लोगों को सही तरीके से मिलें इसकी तरफ सरकार का ध्यान नहीं है। इमरजेंसी सेवाएं अस्पताल में हैं , लेकिन इमरजेंसी मेडिकल अफसरों की पोस्टें दस में से आठ खाली हैं। नतीजा ये हो रहा है कि अस्पताल में इमरजेंसी सेवाएं अनिवार्य रूप से देने के चक्कर में ओपीडी, आपरेशन थियेटर और पोस्टमार्टम सब कुछ प्रभावित हो रहा है। इसका परिणाम आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। मंगलवार को ही अस्पताल के दो सर्जिकल स्पेशलिस्टों में से एक सर्जिकल स्पेशलिस्ट डॉ.बर¨जदरा ¨सह की ड्यूटी इमरजेंसी वार्ड में मार्निंग थी। इसी सर्जन ने आपरेशन थियेटर में भी ड्यूटी दी और पोस्टमार्टम भी किए। वहीं, दूसरे सर्जिकल स्पेशलिस्ट की ड्यूटी मंगलवार रात को इमरजेंसी में थी। दिन में ओपीडी में सर्जिकल डाक्टर का कमरा बंद रहा तथा मरीज परेशान होते रहे। उधर, ईएनटी स्पेशलिस्ट डाक्टर बिक्रम ¨सगला रविवार मार्निंग इमरजेंसी वार्ड में करके गए। कायदे से सोमवार को उनका रेस्ट बनता था लेकिन डॉक्टरों की कमी के कारण डॉ.¨सगला ने सोमवार को दिन में ओपीडी दोपहर तक देखी तथा दोपहर 2 बजे से इमरजेंसी वार्ड में ईएमओ की ड्यूटी दी। इसके बाद मंगलवार को रेस्ट नहीं किया और एसएमओ को स्वास्थ्य खराब होने की सूचना देकर ड्यूटी पर करीब दो घंटे लेट आए।

सिविल अस्पताल में जब स्टाफ नर्सों की कमी है और स्वास्थ्य विभाग इस बात को खुद मानता है तो भी 11 स्टाफ नर्सों को नर्सिंग स्कूल में अस्थायी तौर पर तैनात किया गया है। बता दें कि सिविल अस्पताल में 48 स्टाफ नर्सों की पोस्टें मंजूर हैं। इनसे से 36 पोस्टों ही भरी हुई हुई हैं। यानी कि 12 स्टाफ नर्सों की कमी से अस्पताल प्रबंधन पहले ही जूझ रहा है। आम लोग परेशान हो रहे हैं। इसके बावजूद भरी हुईं 36 स्टाफ नर्सों में से 11 को नर्सिंग स्कूल में अस्थायी तौर पर भेजा गया है। ये पड़ताल की जरूरत है कि क्या वहां 11 स्टाफ नर्सों की जरूरत है भी या नहीं। ये स्पेशलिस्ट हैं ही नहीं सिविल अस्पताल में पैथोलॉजिस्ट, स्किन स्पेशलिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट के ओहदे लंबे समय से खाली हैं। ये स्पेशलिस्ट हैं कम बच्चों की स्पेशलिस्ट की पांच पोस्टें हैं। इनमें एक पोस्ट एनआरएचएम की है, लेकिन भरी हुई पोस्टें केवल 2 ही हैं। मनोचिकित्सक की दो पोस्टें मंजूर है, लेकिन एक ही भरी हुई है व एक खाली है।

ये स्टाफ भी है कम

अस्पताल में मैटर्न की एक ही पोस्ट है और वो भी खाली है। नर्सिंग सिस्टरों की तीन पोस्टें हैं लेकिन भरी हुई एक ही है। दो खाली हैं। फार्मासिस्ट की तीन पोस्टें मंजूर हैं , लेकिन एक भी भरी हुई है। रेडियोग्राफर की तीन पोस्टों में से केवल एक भरी हुई है। सीनियर लेब टैक्नीशियन की एक पोस्ट है लेकिन वो खाली है। लैब टैक्नीशियन ग्रेड 1 की दो में से एक तथा लैब टैक्नीशियन ग्रेड 2 की सात में से केवल 2 पोस्टें ही भरी हुई हैं। लैब अटेंडेंट की दोनों पोस्टें खाली हैं। सफाई व्यवस्था कैसे होगी अस्पताल में जहां अलग -अलग वार्ड, ऑपरेशन थियेटर, इमरजेंसी, ओपीडी वार्ड हैं, की सफाई के लिए सफाई सेवकों तथा क्लास फोर की जरूरत है। लेकिन मंजूर सफाई सेवकों की 11 पोस्टों में से केवल 1 ही भरी हुई है। जबकि मंजूर 60 क्लास फोर की पोस्टों में से केवल 21 ही भरे हुए हैं। 39 पोस्टें खाली हैं। बता दें कि जब कोई बड़ा अफसर मंत्री अस्पताल में जाता है तो सफाई व्यवस्था को लेकर खूब भाषण झाड़ता है लेकिन जब पोस्टें ही भरी नहीं होंगी, तो कैसे सफाई हो सकती है। समय- समय पर भेजी जाती है जानकारी: एसएमओ रूपनगर सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ.तरसेम ¨सह ने कहा कि समय समय पर सरकार को खाली पोस्टों की जानकारी भेज जाती है और समय समय पर पोस्टों को भरा भी जा रहा है। अब दोबारा सरकार को इस बारे में लिखा जाएगा।


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