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2002 से 2017 तक जिले में कांग्रेस का रहा पलड़ा भारी

पंजाब में विधानसभा चुनाव 20 फरवरी को होने जा रहे हैं जिसको लेकर जहां विभिन्न राजसी दलों ने चुनाव प्रचार शुरू किया जा चुका है वहीं जिला प्रशासन एवं जिला चुनाव विभाग भी ऐसी व्यवस्थाएं बनाने में लगा हुआ है जिससे ज्यादा से ज्यादा वोटर विशेषकर युवा वोटर अपने मताधिकार का प्रयोग बिना किसी डर या लालच के कर सकें।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 03:30 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 03:41 PM (IST)
2002 से 2017 तक जिले में कांग्रेस का रहा पलड़ा भारी
2002 से 2017 तक जिले में कांग्रेस का रहा पलड़ा भारी

अरुण कुमार पुरी, रूपनगर: पंजाब में विधानसभा चुनाव 20 फरवरी को होने जा रहे हैं, जिसको लेकर जहां विभिन्न राजसी दलों ने चुनाव प्रचार शुरू किया जा चुका है, वहीं जिला प्रशासन एवं जिला चुनाव विभाग भी ऐसी व्यवस्थाएं बनाने में लगा हुआ है जिससे ज्यादा से ज्यादा वोटर विशेषकर युवा वोटर अपने मताधिकार का प्रयोग बिना किसी डर या लालच के कर सकें। जिले की अगर बात करें तो 2007 तक जिले में पांच विधानसभा हलके हुआ करते थे, जिनमें नंगल, आनंदपुर साहिब (रूपनगर), चमकौर साहिब, मोरिडा तथा खरड़ शामिल थे । इसके बाद नया जिला मोहाली बनने के बाद रूपनगर जिले में तीन विधानसभा हलके रह गए, जिनमें नंगल को खत्म कर उसकी जगह हलका 49 आनंदपुर साहिब बनाया गया, जबकि दूसरा हलका रूपनगर व तीसरा हलका 51 चमकौर साहिब बन गया। 2002 के चुनाव पर नजर डालें तो हलका नंगल से कांग्रेस के राणा कवरपाल सिंह ने 37626 मत लेते हुए 23663 मत लेने वाले भाजपा-शिअद के मदन मोहन मित्तल को मात दी। हलका आनंदपुर साहिब (रूपनगर) से कांग्रेस के रमेश दत्त शर्मा ने 41932 मत लेते हुए 29263 मत लेने वाले शिअद-भाजपा के मास्टर तारा सिंह लाडल मात दी। चमकौर साहिब से 33511 मत लेने वाली शिअद की सतवंत कौर संधू ने 24413 मत लेने वाले कांग्रेस के भाग सिंह को मात दी। मोरिडा से कांग्रेस के जगमोहन सिंह कंग ने 47631 मत लेकर शिअद के उजागर सिंह बडाली को मात दी, जबकि खरड़ से कांग्रेस के बीर दविदर सिंह ने 24846 मत लेकर आजाद प्रत्याशी को मात दी। वर्ष 2007 के चुनाव में नंगल से कांग्रेस के राणा कवरपाल सिंह ने भाजपा-शिअद के मदन मोहन मित्तल को मात दी। आनंदपुर साहिब (रूपनगर) से शिअद के संत अजीत सिंह ने 47810 मत लेकर कांग्रेस के रमेश दत्त शर्मा को हराया। हलका चमकौर साहिब से कांग्रेस के चरणजीत सिंह चन्नी ने शिअद की सतवंत कौर संधू को मात दी। मोरिडा से शिअद के उजागर सिंह बडाली ने कांग्रेस के जगमोहन सिंह कंग को मात दी। खरड़ से कांग्रेस के बलबीर सिंह ने शिअद के जसजीत सिंह को मात दी।

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2012 के चुनाव में हलका आनंदपुर साहिब से भाजपा के मदन मोहन मित्तल ने राणा कंवरपाल सिंह को मात दी, जबकि रूपनगर से शिअद के डा. दलजीत सिंह चीमा ने कांग्रेस के रमेश दत्त शर्मा को हराया। चमकौर साहिब से कांग्रेस के चरणजीत सिंह चन्नी ने 54640 मत लेकर शिअद की जगमीत कौर को मात दी। 2017 में ये रहे थे विजेता

विधानसभा चुनाव 2017 में कांग्रेस के कंवरपाल सिंह राणा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी अकाली-भाजपा के डा. परमिदर शर्मा को 23881 मतों से हराया। विजयी उम्मीदवार को 60800 व निकटतम प्रतिद्वंदी को 36919 मत प्राप्त हुए। इसी प्रकार रूपनगर विधानसभा हलके से आम आदमी पार्टी के अमरजीत सिंह संदोआ ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के बरिदर सिंह ढिल्लों को 23707 मतों से हराया। विजयी उम्मीदवार को 58994 व निकटतम प्रतिद्वंदी को 35287 मत प्राप्त हुए। हलका चमकौर साहिब से कांग्रेस के चरणजीत सिंह चन्नी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी आम आदमी पार्टी के चरणजीत सिंह को 12308 मतों से हराया। इतने मतदाता करेंगे मतदान जिला रूपनगर में कुल तीन विधानसभा सीट हैं, जिनमें कुल वोटर 567505 हैं। इनमें पुरुष वोटर 296205 व महिला वोटर 271284 तथा थर्ड जेंडर वोटर 16 हैं। 2017 में मतदान 78.25 फीसदी हुआ था। इस आयु वर्ग के इतने हैं मतदाता

वर्ष 2022 में जो 567505 वोटर अपने मताधिकार का प्रयोग करने जा रहे हैं उनमें आयु वर्ग के अनुसार अगर वोटरों की संख्या पर नजर डालें तो 18 से 19 वर्ष के 7739 वोटर, 20 से 29 वर्ष के 110398 वोटर, 30 से 39 वर्ष के 148926 वोटर, 40 से 49 वर्ष के 111758 वोटर, 50 से 59 वर्ष के 88500 वोटर, 60 से 69 वर्ष के 55480 वोटर, 70 से 79 वर्ष के 31752 वोटर जबकि 80 से 100 वर्ष के बीच वाले 12952 वोटर हैं। इनमें दिव्यांग वोटरों की संख्या 3064 है। जिले में लोगों की सुविधा के लिए कुल 694 मतदान केंद्र व बूथ बनाए गए हैं। इसके अलावा माडल बूथों की संख्या 30 है।

पोलिग स्टेशनों की संख्या में किया इजाफा: डीसी जिला चुनाव अधिकारी कम डीसी सोनाली गिरी ने कहा तीन विधानसभा हलकों में इस प्रकार की तैयारियों को अमल में लाया जा रहा है, जिससे ज्यादा से ज्यादा वोटर बिना किसी दबाव या लालच के अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें तथा आपसी सौहार्द भी कायम रह सके। पिछले चुनाव की तुलना में जहां पोलिग स्टेशनों की संख्या में इजाफा किया गया है, वहीं इस बार भारतीय चुनाव कमीशन द्वारा दिव्यांगों सहित 80 साल से बड़ी आयु वालों के साथ साथ कोविड पीड़ितों के लिए कुछ नियमों के साथ, मीडिया तथा चुनाव संबंधी ड्यूटी देने वालों के लिए पोस्टल बैलेट की सुविधा भी उपलब्ध करवाई गई है। हर किसी को यह समझना जरूरी है कि वोट कोई औपचारिकता नहीं बल्कि देश व राज्य के लिए ऐसी जिम्मेदारी है जिसको निभाने के साथ आने वाले पांच वर्षों का भविष्य तह होना है। इसलिए सभी वोट जरूर डालें।

सुरिदरपाल सिंह, सहायक जिला शिक्षाधिकारी। भारतीय लोकतंत्र में संविधान के अनुसार हर किसी को एक समान वोट का अधिकार मिला हुआ है। इसका प्रयोग करना हर नागरिक का धर्म एवं फर्ज बनता है। वोट बिना किसी दबाव के जरूर डालें।

लोकेश मोहन शर्मा, प्रिसिपल मेरी युवा वोटरों से विशेषकर जिनके वोट हाल ही में बने हैं, उन सभी से अपील है कि वोट का प्रयोग अधिकार समझते हुए सही प्रतिनिधि को चुनने के लिए करें । यह ध्यान रहे हमें किसी लालच व दबाव में वोट नहीं डालना।

डा. सैलेश शर्मा, डायरेक्टर, फार्मेसी कालेज।

पांच साल राज तो जीतने वाले नेताओं को करना होता है लेकिन जीतना किसे चाहिए इसका फैसला करने का अधिकार केवल वोटर के पास है। इसलिए वोट जरूर डालें , लेकिन जनहित की विचारधारा रखने वाले को डालें।

जेके जग्गी, चेयरमैन, सतलुज पब्लिक स्कूल।

वोट किसे डालना है इसका फैसला लेने के लिए हर वोटर को पांच साल का समय मिलता है। मेरी सभी से अपील है कि मताधिकार का प्रयोग जरूर करें, लेकिन वोट बिना किसी लालच सही व योग्य को ही डालें।

जसबीर सिंह, जिला मेंटर एवं शिक्षक। चुनाव के वक्त हर पार्टी एवं नेता खुद को जनता का सेवक बताते हुए वोट मांग करता है लेकिन हर वोटर को यह तह करना जरूरी है कि वोट का सही हकदार कौन है।

डा. आरएस परमार, समाज सेवी

भ्रष्टाचार मुक्त शासन समय की बड़ी मांग है। इसलिए हर वोटर को सही नेता का चयन करना जरूरी है। ध्यान रहे हमें किसी के पीछे लग कर वोट नहीं डालना, बल्कि सही नेता का चयन करना है।

तेजिदर पाल, रोटेरियन। जिस प्रकार शरीर को तंदुरुस्त रखने के लिए योग करना जरूरी है उसी प्रकार लोकतंत्र की मजबूती के लिए वोट के अधिकार का बिना दबाव व बिना लालच प्रयोग करना भी जरूरी है। सही को चुनें

कुसुम शर्मा, योगाचार्य


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