सातवें वेतन आयोग को लागू करवाने के लिए संघर्ष का बिगुल बजाया
सातवें वेतन आयोग को लागू करवाने के लिए पंजाब फेडरेशन आफ यूनिवर्सिटी और कालेज टीचर्स आर्गेनाइजेशन ने संघर्ष का बिगुल बजा दिया है।
जागरण संवाददाता, रूपनगर: सातवें वेतन आयोग को लागू करवाने के लिए पंजाब फेडरेशन आफ यूनिवर्सिटी और कालेज टीचर्स आर्गेनाइजेशन ने संघर्ष का बिगुल बजा दिया है। पंजाब के सभी सरकारी व गैर सरकारी कालेजों और सभी यूनिवसिर्टियों के अध्यापकों ने अपने शिक्षण संस्थानों में तीन घंटे के लिए धरना दिया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि संगठन द्वारा शुरू किए संघर्ष को 19 अक्टूबर को उच्च शिक्षा मंत्री पदमश्री परगट सिंह ने प्रदर्शनकारियों की भूख हड़ताल को मौके पर पहुंचकर जूस पिलाकर खत्म करवाया था। उसके उपरांत आज तक सरकार ने संबंधित मामले में अध्यापकों के ग्रेड को लागू करने में कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसी स्थिति से निपटने के लिए दोबारा संघर्ष शुरू कर दिया गया है। 11 नवंबर को शहरों एवं कस्बों में कैंडल मार्च निकाला जाएगा। 16 नवंबर को शहरों में पंजाब सरकार के मंत्रियों के घरों के आगे धरना दिया जाएगा और 23 नवंबर को मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की रिहायश के आगे 31 सदस्य गिरफ्तारी देंगे। इस मौके पर पंजाब गवर्नमेंट कालेज टीचर्स एसोसिएशन के प्रधान प्रो बरजिदर सिंह टोहरा और महासचिव प्रो.जतिदर सिंह गिल भी मौजूद थे।
घर घर नौकरी देने के बजाय रोजगार छीन रही सरकार डा. राविदर
संवाद सहयोगी, रूपनगर: रूपनगर के सरकारी कालेज में गेस्ट फैकल्टी सहायक प्रोफेसर्स ने पंजाब सरकार के खिलाफ धरना देकर सरकार पर घर घर रोजगार देने के बजाय रोजगार छीनने के आरोप लगाए। सहायक प्रोफेसर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डा. राविदर सिंह ने कहा कि राज्य के सरकारी कालेजों में पिछले लगभग 18-20 वर्षों से मामूली वेतन पर पढ़ाई के सिस्टम को बरकरार रखने वाले गेस्ट फैकल्टी सहायक प्रोफेसर्स का रोजगार पंजाब सरकार छीनने की कवायद रचने में लगी हुई है। एक तरफ तो रोजगार मेले लगाते हुए पंजाब के युवाओं को धक्के खाने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जबकि दूसरी तरफ सरकारी कालेजों में पढ़ाई करवा रहे फैकल्टी सहायक प्रोफेसरों का रोजगार छीन कालेजों में नई भर्ती के विज्ञापन जारी कर दिए गए हैं। राज्य के 48 सरकारी कालेजों में 1873 पद हैं, जिनमें से 962 पदों पर गेस्ट फैकल्टी प्रोफेसर पढ़ा रहे हैं, जबकि 400 पद खाली पड़े हैं । पंजाब सरकार अगर सही मायने में युवाओं को रोजगार देना चाहती है, तो गेस्ट फैकल्टी सहायक प्रोफेसरों को पक्का किया जाए। कालेज कीसहायक प्रोफेसर डा. अनू शर्मा तथा प्रोफेसर रवनीत कौर ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने सभी 962 उनके लिए सरकारी खजाने से वेतन देने का प्रावधान जल्द नहीं किया, तो सरकार के खिलाफ उग्र संघर्ष छेड़ा जाएगा।