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स्वाइन फ्लू में लापरवाही न बरतें

सिविल सर्जन डॉ. एचएन शर्मा ने यहां सिविल अस्पताल में आम लोगों को स्वाइन फ्लू से बचाव के तरीके बताए।

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Dec 2019 11:06 PM (IST)Updated: Sat, 14 Dec 2019 11:06 PM (IST)
स्वाइन फ्लू में लापरवाही न बरतें
स्वाइन फ्लू में लापरवाही न बरतें

संवाद सहयोगी, रूपनगर: अगर किसी एक व्यक्ति को स्वाइन फ्लू होता है, तो उसके नजदीक रहने वाला स्वस्थ व्यक्ति भी मरीज की संक्रमित सांस से इसकी चपेट में आ सकता है। सिविल सर्जन डॉ. एचएन शर्मा ने यहां सिविल अस्पताल में आम लोगों को स्वाइन फ्लू से बचाव के तरीके बताए। सिविल सर्जन ने बताया कि स्वाइन फ्लू एच वन एन वन जीवाणू के हमले से होता है, जोकि एक से दूसरे व्यक्ति तक फैलता चला जाता है। अगर सतर्कता बरती जाए, तो इसे बढ़ने से रोका जा सकता है। तेज बुखार के साथ खांसी, जुकाम, छींकों का आना या नाक से पानी का निकलना व गले में दर्द का होना इसके लक्षण हैं। इस प्रकार के लक्षण मिलने पर तुरंत नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर उपचार करवाना चाहिए। उन्होंने बताया कि स्वाइन फ्लू का इलाज एवं दवाइयां सभी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि विभाग ने जिला व ब्लॉक स्तर पर स्वाइन फ्लू मरीजों के लिए आइसोलेटिड वार्ड भी बनाए हुए हैं, ताकि मरीज का सही इलाज संभव बनाया जा सके। डॉ. शर्मा ने कहा कि खांसी आने पर या छींकते वक्त मुंह व नाक पर रुमाल रखना चाहिए। इसके अलावा नाक, आंख व मुंह को छूने के बाद हाथों को साबुन से अच्छी प्रकार धोना भी जरूरी है। ऐसे मरीजों को भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से परहेज करना चाहिए । सिविल सर्जन ने मरीजों को सलाह दी कि वे लोगों के संपर्क से दूर रहें व हो सके तो जिला व ब्लॉक स्तर पर बनाए गए आइसोलेटिड वार्ड में दाखिल हो जाएं। ऐसे मरीजों के साथ हाथ मिलने, गले मिलने, उसे चूमने या किसी प्रकार उसके संपर्क में आना स्वाइन फ्लू को दावत देना है।

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