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तीन साल पहले करोड़ों की लागत से बना बाईपास गड्ढों में तबदील

रूपनगर रूपनगर से नवांशहर जिले की सरहद को जोड़ता बहु करोड़ी बाईपास तीन साल में ही गड्ढों से भर गया है। बाईपास की रिपेयर भी नहीं की जा रही।

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 10:22 PM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 10:22 PM (IST)
तीन साल पहले करोड़ों की लागत से बना बाईपास गड्ढों में तबदील
तीन साल पहले करोड़ों की लागत से बना बाईपास गड्ढों में तबदील

जागरण संवाददाता, रूपनगर

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रूपनगर से नवांशहर जिले की सरहद को जोड़ता बहु करोड़ी बाईपास तीन साल में ही गड्ढों से भर गया है। बाईपास की रिपेयर भी नहीं की जा रही। हालात ये हैं कि यहां कभी भी कोई अनहोनी घट सकती। सरकार तथा पीडब्ल्यूडी विभाग इस बाईपास से अपना पीछा छुड़ाने की फिराक में है। इसकी रिपेयर के लिए फंड मुहैया नहीं करवाए जा रहे तथा इंतजार किया जा रहा है कि बाईपास को नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया जल्द से जल्द अपने अधिकार क्षेत्र में ले ले। नेशनल हाईवे और पीडब्ल्यूडी विभाग के बीच बाईपास को नेशनल हाईवे के अंतर्गत करने के लिए पत्राचार चल रहा है, वहीं पीडब्ल्यूडी विभाग की तरफ से पैचवर्क के लिए बनाया गया 37 लाख रुपये का एस्टीमेट भी पंजाब सरकार के पास पें¨डग पड़ा है। जागरण संवाददाता ने बाईपास की नब्ज जानी, तो हालात देखकर हैरानी हुई। बाईपास पर तेज रफ्तारी वाहन गुजरते हैं तथा बाईपास पर एक से डेढ़ फीट तक गहरे गड्ढे कभी भी किसी के प्राण लील सकते हैं। रोजाना चार- पांच गाड़ियों के टायर पंक्चर या फटने के मामले सामने आ रहे हैं। पीडब्ल्यूडी विभाग आंखें मूंदे बैठा है और इंतजार कर रहा है कि कोई करिश्मा हो क्योंकि विभाग के पास फंड ही नहीं हैं। जिस कंपनी ने इस बाईपास को 2015 में बनाया था,उस कंपनी ने एग्रीमेंट के तहत एक साल तक बाईपास की रिपेयर करनी थी। उसके बाद इसकी रिपेयर का जिम्मा पीडब्ल्यूडी विभाग के पास आ गया लेकिन फंडों के अभाव में बाइपास की रिपेयर ही नहीं हुई। अब बाईपास जोकि पुलिस लाइन से शुरू होकर आइआइटी रोड तक बना है, पर गड्ढे ही गड्ढे हैं। जागरण टीम ने बाइपास के दोनों तरफ दौरा किया और मौके पर गड्ढे गिने। 150 के आसपास गड्ढों से पूरा बाईपास छलनी है। 2 अक्टूबर 2015 को हुआ था उद्घाटन बता दें कि 180 करोड़ रुपए की लागत से रूपनगर बाईपास, सतलुज दरिया के पुल का प्रोजेक्ट अकाली भाजपा सरकार के कार्यकाल में साल 2015 में मुकम्मल हुआ था। बाईपास मार्च में 99 फीसद बन गया था तथा झुग्गियों के कारण कुछ मीटर हिस्सा शेष था। जुलाई 2018 में शेष हिस्से को मुकम्मल कर दिया गया था तथा 2 अक्टूबर 2015 को तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश ¨सह बादल तथा उपमुख्यमंत्री सुखबीर ¨सह बादल ने बाईपास और सतलुज दरिया के हाइ लेवल पुल का उद्घाटन किया था। उद्घाटन पत्थर पुलिस लाइन के पास रखा गया था। बाद में विधानसभा चुनाव से पहले रूपनगर-फगवाड़ा का नींव पत्थर रखने रूपनगर आए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नीतिन गडकरी ने स्थानीय नेताओं की मांग पर घोषणा की थी कि बाइॅपास को फोरलेन प्रोजेक्ट में शामिल किया जाएगा, लेकिन तब कागजी औपचारिकताएं नहीं हो पाई थीं। फंड मिलते ही शुरू होगा पैचवर्क: एसडीओ पर¨वदर ¨सह पीडब्ल्यूडी रूपनगर के एसडीओ पर¨वदर ¨सह ने बताया कि पीडब्ल्यूडी एक्सईएन विशाल गुप्ता बाइपास की रिपेयर के एस्टीमेट को लेकर लगातार पत्राचार कर रहे हैं, जबकि बाईपास को केंद्रीय मंत्री नीतिन गडकरी की घोषणा के मुताबिक नेशनल हाइवे के अंतर्गत करने की प्रक्रिया भी विचाराधीन है। एसडीओ ने बताया कि इसके अलावा बाईपास पर तारकोल की एक लेयर और डालने का एस्टीमेट भी उच्चाधिकारियों को भेजा गया था। फंड उपलब्ध होते ही बाईपास का पैचवर्क शुरू कर दिया जाएगा।


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