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बहु करोड़ी बाईपास पर सुरक्षित नहीं सफर

रूपनगर बहु करोड़ी बाईपास पर पड़े गड्ढों और बंद पड़ी स्ट्रीट लाइट को लेकर प्रशासन की गंभीरता दिखाई नहीं देती। हालात ये हैं कि बाईपास पर सफर आज भी सुरक्षित नहीं है। बाईपास पर 70 फीसद स्ट्रीट लाइटें बंद हैं। बाईपास पर गड्ढों की संख्या बेशक पिछले दिनों में हुई रिपेयर के बाद कम हुई है लेकिन बाईपास के दोनों रास्तों का आज भी काफी हिस्सा गड्ढों से भरा हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Dec 2018 10:02 PM (IST)Updated: Sat, 15 Dec 2018 10:02 PM (IST)
बहु करोड़ी बाईपास पर सुरक्षित नहीं सफर
बहु करोड़ी बाईपास पर सुरक्षित नहीं सफर

जागरण संवाददाता, रूपनगर

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बहु करोड़ी बाईपास पर पड़े गड्ढों और बंद पड़ी स्ट्रीट लाइट को लेकर प्रशासन की गंभीरता दिखाई नहीं देती। हालात ये हैं कि बाईपास पर सफर आज भी सुरक्षित नहीं है। बाईपास पर 70 फीसद स्ट्रीट लाइटें बंद हैं। बाईपास पर गड्ढों की संख्या बेशक पिछले दिनों में हुई रिपेयर के बाद कम हुई है लेकिन बाईपास के दोनों रास्तों का आज भी काफी हिस्सा गड्ढों से भरा हुआ है। मो¨रडा चौक और चमकौर सहिब चौक के पास बड़े बड़े गड्ढे हैं। जो कभी भी हादसे का कारण बन सकते हैं। गड्ढे इतने गहरे हैं कि उसमें एक बार वाहन का टायर गिरने के बाद उसका पंक्चर या फटना तय है। क्योंकि बाईपास पर वाहनों की रफ्तार तेज होती है और दोपहिया वाहन चालकों का तो डेढ़ फीट तक गहरे गड्ढों में से गुजरने के बाद असंतुलित होकर गिरना लगभग तय है। आए दिन कारों के टायर फटने का क्रम अभी भी जारी है। उधर, पंजाब सरकार तथा पीडब्ल्यूडी विभाग इस बाईपास से अपना पीछा छुड़ाने की फिराक में है। इसकी रिपेयर के लिए फंड मुहैया नहीं करवाए जा रहे तथा इंतजार किया जा रहा है कि बाइपास को नेशनल हाइवे अथारिटी आफ इंडिया जल्द से जल्द अपने अधिकार क्षेत्र में ले।

दैनिक जागरण ने जनहित के इस मुददे को नवंबर के दूसरे सप्ताह में उठाया था। उसके बाद विभाग ने बाईपास के आधे से ज्यादा गड्ढों को तारकोल से भर दिया। उसके बाद बचे गड्ढों में चिकनी मिट्टी भर दी गई जो अब फिर से उखड़ गई है। जिस कंपनी ने इस बाईपास को 2015 में बनाया था,उस कंपनी ने एग्रीमेंट के तहत एक साल तक बाईपास की रिपेयर करनी थी। उसके बाद इसकी रिपेयर का जिम्मा पीडब्ल्यूडी विभाग के पास आ गया था। बता दें कि इसी मार्ग पर दो दिन पहले ही पटियाला के गांव भरतगढ़ का युवक जोकि अपनी मामा की बेटी की शादी में आया था, की आइ टवेंटी एक ट्रैक्टर ट्राली के साथ टकरा गई थी। युवक का शव कार में ही बुरी तरह फंस गया था और पहचानने लायक नहीं रहा था। ये है मामला

बता दें कि 180 करोड़ रुपये की लागत से रूपनगर बाईपास, सतलुज दरिया के पुल का प्रोजेक्ट अकाली भाजपा सरकार के कार्यकाल में साल 2015 में मुकम्मल हुआ था। बाईपास मार्च में 99 फीसद बन गया था तथा झुग्गियों के कारण कुछ मीटर हिस्सा शेष था। जुलाई 2018 में शेष हिस्से को मुकम्मल कर दिया गया था तथा 2 अक्टूबर 2015 को तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश ¨सह बादल तथा उपमुख्यमंत्री सुखबीर ¨सह बादल ने बाइपास और सतलुज दरिया के हाइलेवल पुल का उदघाटन किया था। उद्घाटन पत्थर पुलिस लाइन के पास रखा गया था। बाद में विधानसभा चुनाव से पहले रूपनगर-फगवाड़ा का नींव पत्थर रखने रूपनगर आए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नीतिन गडकरी ने स्थानीय नेताओं की मांग पर घोषणा की थी कि बाइपास को फोरलेन प्रोजेक्ट में शामिल किया जाएगा। लेकिन तब कागजी औपचारिकताएं नहीं हो पाई थीं। फंड मिलते ही शुरू होगा पेचवर्क: एसडीओ पर¨वदर ¨सह

पीडब्ल्यूडी विभाग रूपनगर के एसडीओ पर¨वदर ¨सह ने बताया कि 37 लाख का एस्टीमेट बाइपास की रिपेयर के लिए विभाग ने भेजा हुआ है, उसको मंजूरी मिलते ही रिपेयर करवाई जाएगी। बाईपास को नेशनल हाइवे के अंतर्गत करने की प्रक्रिया भी अभी पेंडिंग है।


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